नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के अंतरिम सह-प्रमुख आंद्रे हॉफमैन ने कहा कि दुनिया को स्पष्ट रूप से एक ऐसे स्थान की जरूरत है जहां संवाद की सच्ची भावना से मुद्दों पर चर्चा की जा सके और खंडित दुनिया में दावोस की यह भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
दावोस में अगले महीने दुनिया भर के नेताओं की मेजबानी की तैयारियों के बीच आंद्रे हॉफमैन ने यह बात कही है।
स्विट्जरलैंड का स्की रिजॉर्ट शहर दावोस, 19 से 24 जनवरी 2026 तक विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक की मेजबानी करेगा। इसमें करीब 60 राष्ट्राध्यक्ष और सरकार प्रमुखों सहित 3,000 से अधिक वैश्विक नेता हिस्सा लेंगे। 2026 की वार्षिक बैठक का विषय ‘‘संवाद की भावना’’ होगा।
हॉफमैन ने कहा कि बैठक में चर्चा के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में विकास, भू-राजनीति, नवाचार, लोग एवं रोजगार तथा ग्रह शामिल होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ ये मुद्दे आज दुनिया के सामने मौजूद परस्पर जुड़ी चुनौतियों और मजबूत सार्वजनिक-निजी सहयोग की आवश्यकता को दर्शाते हैं।’’
हॉफमैन ने कहा, ‘‘ इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में राष्ट्राध्यक्ष व प्रतिभागी इसमें हिस्सा लेंगे जो संवाद के लिए एक विश्वसनीय एवं सुरक्षित मंच की निरंतर आवश्यकता को रेखांकित करता है। वह भी तेजी से खंडित होती दुनिया में ..।’’
बैठक से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी रोश के चेयरमैन हॉफमैन ने कहा कि दुनिया को स्पष्ट रूप से एक ऐसे स्थान की जरूरत है जहां संवाद की सच्ची भावना से मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले पांच दशकों से अधिक समय से दावोस एक सुस्थापित, विश्वसनीय एवं निष्पक्ष मंच के रूप में उभरा है जहां विभिन्न क्षेत्रों, विचारधाराओं तथा अलग-अलग पीढ़ियों के नेता एक साथ आ सकते हैं।’’
हॉफमैन ने कहा कि डब्ल्यूईएफ चाहता है कि 2026 की वार्षिक बैठक में व्यापारिक दिग्गज, राजनेता, नागरिक समाज, शिक्षाविद तथ युवा एक साथ आएं और ऐसा ही एक मंच तैयार हो।
उन्होंने कहा, ‘‘ दावोस का मकसद समाधान थोपना नहीं है बल्कि सुरक्षित, ईमानदार एवं प्रभावी बातचीत को सक्षम बनाना है जो विश्वास को पुनर्स्थापित करने तथा सहयोग को बढ़ावा देने में मदद करे। एक खंडित दुनिया में, यह भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।’’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बार व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर हॉफमैन ने कहा कि उन्होंने मीडिया की कुछ खबरें देखी हैं जिनमें संकेत दिया गया है कि व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति ट्रंप के इस वर्ष की वार्षिक बैठक में सचिवों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ भाग लेने के इरादे का संकेत दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ विश्व आर्थिक मंच इसका हार्दिक स्वागत करेगा।’’
ट्रंप ने 2025 में इस मंच को ऑनलाइन संबोधित किया था।
यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही रूस और राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ डब्ल्यूईएफ द्वारा अपनाए गए कड़े रुख के जारी रहने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इस समय उनके लिए अपना रुख बदलने की कोई वजह नजर नहीं आती।
उन्होंने कहा, ‘‘ रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण से अंतरराष्ट्रीय कानून तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन किया और अब भी यूक्रेन के लोगों के लिए बहुत अधिक पीड़ा का कारण बन रहा है। मंच ने तभी से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का पूरी तरह से पालन किया है जिसके परिणामस्वरूप हमारे कार्यक्रमों में रूसी प्रतिनिधियों की कोई भागीदारी नहीं है।’’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूईएफ) के युद्ध को समाप्त करने में भूमिका निभाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दावोस संघर्षों के समाधान का स्थान नहीं है, बल्कि यह समाधान की दिशा में संभावित रास्तों पर चर्चा करने का स्थान है।
इसके अलावा कृत्रिम मेधा (एआई) और इसके प्रभाव पर हॉफमैन ने कहा कि प्रौद्योगिकी का उद्देश्य नवाचार एवं प्रगति को बढ़ावा देना है लेकिन हम यह भी जानते हैं कि शक्तिशाली उपकरणों का दुरुपयोग भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कृत्रिम मेधा स्पष्ट रूप से दोधारी तलवार है। यह अधिक कुशल स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों से लेकर टिकाऊ व्यावसायिक मॉडल तक..अभूतपूर्व अवसर खोलती है। साथ ही यह गलत सूचनाओं के प्रसार को भी तेज करती है और जनता का विश्वास कम कर सकती है।’’
विश्व आर्थिक मंच के अंतरिम सह-प्रमुख ने कहा कि दावोस में होने वाली चर्चाओं में न केवल प्रौद्योगिकी अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा बल्कि एआई को प्रभावी तरीके से अपनाने की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर दिया जाएगा।
दावोस में जलवायु पर विशेष ध्यान देने के बारे में हॉफमैन ने कहा, ‘‘ जलवायु और नवाचार हमारी प्रमुख प्राथमिकताओं में से हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रगति ग्रह की सीमाओं का सम्मान करे। सतत समृद्धि को ग्रह को नुकसान पहुंचाए बिना प्राप्त किया जाना चाहिए।’’
भाषा निहारिका मनीषा
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