नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के समय के वित्त एवं विनियोग खाता 2023-24 और निर्माण श्रमिकों के कल्याण से जुड़ी चार कैग रिपोर्ट को लोक लेखा समिति (पीएसी) के पास जांच के लिए भेज दिया।
गुप्ता ने कहा कि चार अगस्त को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की तरफ से सदन में पेश की गईं तीन रिपोर्ट पर पीएसी अपनी सिफारिशें अगले अधिवेशन में देगी।
विधानसभा सचिवालय ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि वे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की इन रिपोर्टों पर कार्रवाई की रिपोर्ट लोक लेखा समिति के समक्ष पेश करें।
विनियोग खातों पर जारी रिपोर्ट में पाया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में 15,327 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए, जिनमें से 8,376.40 करोड़ रुपये समय रहते वापस न किए जाने की वजह से ‘लैप्स'(समाप्त) हो गए।
वित्त खातों पर पेश कैग रिपोर्ट में 346.82 करोड़ रुपये के लंबित संक्षिप्त आकस्मिक बिल और 3,760.84 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाणपत्र न मिलने पर चिंता जताई गई है।
राजस्व अधिशेष 2022-23 के 14,457 करोड़ रुपये से घटकर 2023-24 में 6,462 करोड़ रुपये रह गया।
विधानसभा सचिवालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, गुप्ता ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने 11,123 करोड़ रुपये पेंशन और दिल्ली पुलिस पर खर्च नहीं किए होते, तो राजस्व अधिशेष, राजस्व घाटे में बदल जाता।
राजकोषीय घाटा 2019-20 के 416 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 3,934 करोड़ रुपये हो गया।
निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड पर जारी कैग रिपोर्ट में पंजीकृत श्रमिकों के आंकड़ों में कमी, कल्याण निधि के कम उपयोग और पंजीकरण प्रक्रिया में अनियमितताओं का उल्लेख है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 6.96 लाख पंजीकृत श्रमिकों में से केवल 1.98 लाख श्रमिकों का ही आंकड़ा उपलब्ध था।
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प्रेम रमण
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