नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को वित्तीय संकट से घिरी एयरलाइन गो फर्स्ट के कर्ज समाधान पेशेवर को किराये पर विमान मुहैया कराने वाली एक कंपनी की अपील पर हलफनामा दाखिल करने का मंगलवार को निर्देश दिया।
विमान प्रदाता आयरलैंड डेजिग्नेटेड एक्टिविटी कंपनी (डीएई-13) ने अदालत से मांग की है कि रखरखाव एवं मरम्मत के लिए विमानों तक पहुंच देने के अदालती आदेश की अवहेलना करने पर गो फर्स्ट के खिलाफ अवमानना प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू ने इस अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन उसकी समूची भावना के साथ करने की जरूरत है और ऐसा करने में नाकाम होने पर नए आदेश जारी करने पड़ेंगे।
न्यायालय ने कहा कि इस मामले में मुख्य संपत्ति विमान हैं और अगर उनका सही से रखरखाव नहीं होता है तो इससे हरेक को परेशानी होगी।
न्यायमूर्ति गंजू ने गो फर्स्ट के समाधान पेशेवर को 10 दिसंबर तक एक हलफनामा दायर करने का निर्देश देने के साथ ही इस मामले की सुनवाई 12 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही एयरलाइन ने कई कंपनियों से किराये पर विमान लिए हुए हैं। इन्हीं में से एक कंपनी डीएई ने परिचालन बंद होने से हवाई अड्डों पर खड़े अपने विमानों के रखरखाव की मंजूरी मांगी थी। उच्च न्यायालय ने 12 अक्टूबर को यह मंजूरी दे दी थी।
इस साल मई में गो फर्स्ट ने वित्तीय संसाधन न होने पर अपना परिचालन बंद कर दिया था। इसके अलावा दिवाला समाधान प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई।
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