वाहन एलपीजी क्षेत्र की समान अवसर उपलब्ध कराने की मांग

वाहन एलपीजी क्षेत्र की समान अवसर उपलब्ध कराने की मांग

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  • Publish Date - November 20, 2020 / 12:31 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) सबसे स्वच्छ और आसानी से उपलब्ध वैकल्पिक ईंधनों में से एक होने के बावजूद वाहन एलपीजी का अभी भी भारत में क्षमता से कम उपयोग हुआ है। इसकी बड़ी वजह स्वच्छ ईंधन को लेकर नीतियों का करीब-करीब ‘दंडात्मक’ होना हे। ऐसे में वाहन प्रदूषण की विकराल होती समस्या के बीच वाहन एलपीजी उद्योग की मांग ‘समान अवसर’ उपलब्ध कराने की है।

ऑटो एलपीजी कंपनियों के संगठन ‘इंडियन ऑटो एलपीजी कोलिएशन’ ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि राजधानी दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता फिर से चर्चा के केंद्र में है। ऑटो एलपीजी क्षेत्र की मांग है कि पर्यावरण के हित में सरकार को उसे समान अवसर उपलब्ध कराने चाहिए।

संगठन के महानिदेशक सुयश गुप्ता ने कहा कि सरकार को वैकल्पिक ईंधन के मामले में नीति को इलेक्ट्रिक वाहन से आगे विस्तार देना चाहिए और बाजार में मौजूद सभी तरह के वैकल्पिक ईंधन के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हर साल सर्दियों के मौसम में हम वायु गुणवत्ता की बात करते हैं। दुर्भाग्य से कुछ भी नहीं बदला है और लोगों को हर साल खतरनाक जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है।’’

गुप्ता ने कहा कि इसमें भी दुख बात यह है कि हमारे पास पहले से स्वच्छ ईंधन विकल्प उपलब्ध हैं और ये कम समय में वायु गुणवत्ता सुधारने में मदद कर सकते हैं। वाहन एलपीजी इस तरह का पहले से उपलब्ध वैकल्पिक ईंधन है। इससे नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड और पीएम 2.5 दोनों का लगभग नगण्य उत्सर्जन करता है।

भाषा शरद मनोहर

मनोहर