चालू वित्त वर्ष आर्थिक वृद्धि दर मजबूत रहने की उम्मीद: वित्त मंत्रालय

चालू वित्त वर्ष आर्थिक वृद्धि दर मजबूत रहने की उम्मीद: वित्त मंत्रालय

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  • Publish Date - November 21, 2023 / 09:17 PM IST,
    Updated On - November 21, 2023 / 09:17 PM IST

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि तथा वृहत आर्थिक स्थिरता के मामले में स्थिति मजबूत रहने की उम्मीद है। इसका कारण 2023-24 के आधे से अधिक समय में अर्थव्यवस्था में सकारात्मक गतिविधियां देखी गयी है। मंगलवार को जारी वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

मंत्रालय ने मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि मुद्रास्फीति का जोखिम बना रहेगा, जिससे सरकार और आरबीआई दोनों को चौकन्ना रहना चाहिए।

इसमें कहा गया है कि बाह्य क्षेत्र में वित्तीय प्रवाह की निरंतर निगरानी की जरूरत है क्योंकि वे रुपये के मूल्य और भुगतान संतुलन को प्रभावित करते हैं। मौद्रिक नीति का पूरा असर होने पर घरेलू मांग कम हो सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति में निरंतर नरमी से आगे चलकर मुद्रास्फीति के दबाव को नियंत्रित करने की संभावना है।

इसमें कहा गया है कि इस प्रवृत्ति को पहचानते हुए आरबीआई ने यह भी संकेत दिया है कि मौद्रिक नीति में और सख्ती तब होगी जब उसका पूरा असर होने के करीब होगा और यदि जरूरत होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे माल की बढ़ी हुई लागत के बावजूद सरकार के निरंतर निवेश प्रोत्साहन, कंपनियों के बेहतर मुनाफे और बैंकों के गैर-निष्पादित ऋणों में कमी से निवेश में उछाल रहेगा।

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा निर्यात में मजबूत प्रदर्शन के कारण भारत के निर्यात में भी अच्छा प्रदर्शन होने की उम्मीद है।

इसमें कहा गया है कि कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहतर रहने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में सार्वजनिक वित्त की स्थिति के बारे में कहा गया है कि केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में घाटे के तय लक्ष्य को हासिल करने के रास्ते पर है। इसका कारण राजस्व संग्रह लगातार बेहतर बना हुआ है और व्यय के स्तर पर सूझबूझ के साथ काम किया जा रहा है।

भाषा अनुराग रमण

रमण