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भोपाल: MP News मध्यप्रदेश में जहां सीएम मोहन के बैगा, सहरिया, भारिया बटालियन के ऐलान करते ही। सूबे में नई सियासी बहस शुरु हो गई। कांग्रेस ट्राइबल बटालियन को सरकार की वोटबैंक की राजनीति बता रही है, तो बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को जनजातीय विरोधी करार दिया।
MP News मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने होम गार्ड के स्थापना दिवस के मौके पर शनिवार को राजधानी भोपाल में परेड की सलामी ली, मॉकड्रिल देखी और उत्कृष्ट कार्य करने वाले जवानों को सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने सिंहस्थ 2028 के लिए 5 हजार होमगार्डस की भर्ती। और होमगार्ड फोर्स में बैगा, सहरिया और भारिया बटालियन शुरु करने का ऐलान किया।
सीएम के इस ऐलान से ये एकदम साफ हो गया कि- सेना में जिस तरह से सिख रेजिमेंट,राजपूताना रेजिमेंट और अहीर रेजिमेंट होती हैं। वैसे ही अब एमपी में बैगा,सहरिया और भारिया बटालियन होंगी। ये ऐलान होते ही सूबे में सियासी नफा-नुकसान को लेकर बयानबाजियां भी तेज हो गईं। कांग्रेस ने मुद्दे को लपकते हुए वोटबैंक की राजनीति करार दिया और दावा किया कि- जाति केे आधार पर भर्ती से नुकसान देखने को मिलेगा।
तो वहीं कांग्रेस के आरोपों का पलटवार करते हुए बीजेपी ने उसे अपने गिरेबां में झांकने की नसीहत दी। सरकार के कामों को गिनाते हुए कांग्रेस को जनजातीय विरोध बताया।
कुलमिलाकर होमगार्डस में बैगा-सहरिया और भारिया बटालियन शुरु करने के, सीएम मोहन के ऐलान के साथ ही सूबे में ‘जातीय वोटबैंक’ की नई बहस छिड़ गई है। ऐसे में सवाल ये कि- क्या होमगार्डस में ट्राइबल बटालियन के पीछे जनजातीय समाज का हित है। याकि ये मिशन 2028 की तैयारी है? सवाल ये कि- क्या जातीय आधार पर नियुक्तियों से विकास के रास्ते खुलेंगे? सवाल कांग्रेस से भी कि- ट्राइबल को साधने के लिए पार्टी की अगली तैयारी क्या है?