Edible Oil Price: होली में दिल खोल के खाइये पकवान! खाने के तेलों में आयी भारी गिरावट

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में कारोबार शुक्रवार शाम को बंद था। लिहाजा पाम और पामोलीन तेल पर बाजार का असर सोमवार को मलेशिया एक्सचेंज के खुलने पर पता लगेगा। वैसे सिर्फ भाव ही ऊंचे बोले जा रहे हैं लेकिन लिवाली कम है। मूंगफली की हैसियत अब ‘ड्राई फ्रूट’ जैसी है और थोड़ी बहुत निर्यात की मांग भी है, इसलिए उस पर सस्ते आयातित तेलों का बिल्कुल असर नहीं हो रहा है।

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  • Publish Date - February 26, 2023 / 12:01 AM IST,
    Updated On - February 26, 2023 / 12:01 AM IST

Edible Oil Price: Eat heartily in Holi! Heavy fall in edible oils

नई दिल्ली। होली के पहले ही रसोई में इस बार राहत मिलने की उम्मीद है। इस बार पुआ-पूड़ी, कचौड़ी, पकौड़ी, पापड़, भजिया आदि तलने के लिए महिलाओं को कम रकम खर्च करनी पड़ेगी। दरअसल, दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को अधिकांश तेल तिलहनों में भारी गिरावट रही। सस्ते आयातित तेल के आगे देशी तेल तिलहनों के नहीं टिक पाने से सरसों एवं सोयाबीन तेल तिलहन और बिनौला तेल की कीमतों में गिरावट आई जबकि कच्चा पामतेल (CPO) और पामोलीन तेल सहित मूंगफली तेल तिलहन के भाव पहले के स्तर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में कारोबार शुक्रवार शाम को बंद था। लिहाजा पाम और पामोलीन तेल पर बाजार का असर सोमवार को मलेशिया एक्सचेंज के खुलने पर पता लगेगा। वैसे सिर्फ भाव ही ऊंचे बोले जा रहे हैं लेकिन लिवाली कम है। मूंगफली की हैसियत अब ‘ड्राई फ्रूट’ जैसी है और थोड़ी बहुत निर्यात की मांग भी है, इसलिए उस पर सस्ते आयातित तेलों का बिल्कुल असर नहीं हो रहा है।

मंडियों में सरसों की आवक बढ़ी

सूत्रों के मुताबिक, देश में जरुरत से कहीं ज्यादा खाद्य तेलों का आयात हो रखा है जिसकी वजह से देशी तेल-तिलहन पस्त हैं। देश की मंडियों में सरसों की आवक शनिवार को बढ़कर 8-8.25 लाख बोरी हो गई। मध्य प्रदेश के सागर में पिछले साल के बचे सरसों की बिक्री 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर हुई जो 5,000 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से काफी कम है। इस पुराने सरसों के स्टॉक में तेल की मात्रा थोड़ी कम होती है। सस्ते आयातित तेलों पर नकेल नहीं लगाई गई तो सरसों की नयी फसल भी एमएसपी से नीचे बिक सकती है।

देशी तेल-तिलहनों के लिए मुश्किल हालात

सूत्रों ने कहा कि विदेशी तेलों के शुल्क-मुक्त आयात की छूट ने देशी तेल तिलहनों के लिए मुश्किल हालात पैदा कर दिए हैं। किसानों की सरसों नहीं बिकी तो उनका भरोसा तिलहन उत्पादन बढ़ाने की ओर से हट सकता है। ऐसे में यह देश और किसानों के हित में होगा कि देशी तेल तिलहनों के खपने की स्थिति बनाने के लिए शुल्कमुक्त आयातित तेलों को दी गई छूट तत्काल खत्म की जाए।

25 फरवरी को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,480-5,530 (42 फीसदी कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली – 6,775-6,835 रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,550 रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,540-2,805 रुपये प्रति टिन
सरसों तेल दादरी- 11,280 रुपये प्रति क्विंटल
सरसों पक्की घानी- 1,830-1,860 रुपये प्रति टिन
सरसों कच्ची घानी- 1,790-1,915 रुपये प्रति टिन
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,780 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,550 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,320 रुपये प्रति क्विंटल
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,900 रुपये प्रति क्विंटल
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,280 रुपये प्रति क्विंटल
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,440 रुपये प्रति क्विंटल
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,480 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल
सोयाबीन दाना – 5,405-5,535 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन लूज- 5,145-5,165 रुपये प्रति क्विंटल
मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल

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