राजकोषीय घाटा जनवरी में पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 74.5 प्रतिशत पर

राजकोषीय घाटा जनवरी में पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 74.5 प्रतिशत पर

राजकोषीय घाटा जनवरी में पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 74.5 प्रतिशत पर
Modified Date: February 28, 2025 / 06:54 pm IST
Published Date: February 28, 2025 6:54 pm IST

नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) केंद्र का राजकोषीय घाटा जनवरी 2025 के अंत में वार्षिक लक्ष्य के 74.5 प्रतिशत तक पहुंच गया। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के मुताबिक, वास्तविक रूप से राजकोषीय घाटा अप्रैल-जनवरी 2024-25 की अवधि में 11,69,542 करोड़ रुपये रहा।

एक साल पहले की समान अवधि में राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान (आरई) का 63.6 प्रतिशत था।

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चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 15.69 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और राजस्व के बीच का अंतर है। यह सरकार की कुल उधारी को बताता है।

सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार का कर राजस्व (शुद्ध) 19.03 लाख करोड़ रुपये यानी 2024-25 के संशोधित अनुमान का 74.4 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 80.9 प्रतिशत था।

केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय आंकड़ों के अनुसार, कुल व्यय 35.7 लाख करोड़ रुपये रहा, जो संशोधित अनुमान का 75.7 प्रतिशत है। एक साल पहले इसी अवधि में यह संशोधित अनुमान का 74.7 प्रतिशत था।

संसद में पेश केंद्रीय बजट में 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.8 प्रतिशत (पूर्व अनुमान 4.9 प्रतिशत से कम) और 2025-26 के लिए 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

निरपेक्ष रूप से, चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 15.69 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

आंकड़ों के अनुसार, जनवरी तक भारत सरकार द्वारा केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में राज्य सरकारों को 10,74,179 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2,53,929 करोड़ रुपये अधिक है।

कुल राजस्व व्यय (28.12 लाख करोड़ रुपये) में से 8,75,461 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए तथा 3,37,733 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी के लिए थे।

सीजीए आंकड़ों पर रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जनवरी, 2025 में राजस्व व्यय में सालाना 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पूंजीगत व्यय में लगभग 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो चालू तिमाही में आर्थिक गतिविधि के लिए अच्छा संकेत है।

भाषा अनुराग रमण

रमण


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