नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने शुक्रवार को समुद्री खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने की जरूरत बताते हुए निर्यातकों से वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए मूल्यवर्धित उत्पादों पर ध्यान देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) निर्यात को बढ़ाने की बहुत बड़ी गुंजाइश देते हैं।
‘विश्व मत्स्यपालन दिवस 2025’ के मौके पर एक आयोजन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए, सिंह ने बताया कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है। मछली किसानों के लिए बेहतर आमदनी पक्का करने के लिए निर्यात को बढ़ावा देने की जरूरत है।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, मंत्री ने समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकार (एमपीईडीए) और निर्यातकों के बीच बेहतर सम्न्वय की जरूरत पर जोर दिया।
सिंह ने कहा कि निर्यातकों को मूल्यवर्धित उत्पादों और बेहतर पैकेजिंग पर ध्यान देना चाहिए। मंत्रालय के तहत मत्स्यपालन विभाग ने 21 नवंबर, 2025 को ‘विश्व मत्स्यपालन दिवस 2025’ मनाने के लिए यहां एक कार्यक्रम आयोजित किया।
मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने बताया कि पिछले 10 सालों में समुद्री खाद्य उत्पादों का निर्यात दोगुना होकर वर्ष 2024-25 में 62,408 करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने निर्यातकों को यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार ‘व्यापार सुगमता’ के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
बघेल ने वैश्विक निर्यात बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए मूल्यवर्धन पर ध्यान देने की जरूरत के बारे में भी बात की।
मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि वर्ष 2030 तक समुद्री खाद्य वस्तुओं के निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
विभाग के अनुसार, भारत का कुल मछली उत्पादन पिछले 10 साल में दोगुना से ज्यादा बढ़कर वर्ष 2024-25 में 195 लाख टन हो गया है।
भाषा राजेश राजेश रमण
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