एफएमसीजी क्षेत्र की वृद्धि मार्च में सुस्त पड़कर 5.1 प्रतिशत, ग्रामीण बाजार का प्रदर्शन बेहतर

एफएमसीजी क्षेत्र की वृद्धि मार्च में सुस्त पड़कर 5.1 प्रतिशत, ग्रामीण बाजार का प्रदर्शन बेहतर

  •  
  • Publish Date - May 8, 2025 / 03:10 PM IST,
    Updated On - May 8, 2025 / 03:10 PM IST

नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) भारत के एफएमसीजी (रोजमर्रा के उपभोग का सामान) उद्योग की मात्रा वृद्धि मार्च तिमाही में धीमी होकर 5.1 प्रतिशत रह गई है। आंकड़ा विश्लेषक कंपनी नीलसनआईक्यू की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट छोटे मूल्य के पैक की उपभोक्ता खरीद में वृद्धि के कारण है।

सभी श्रेणियों में मात्रा वृद्धि धीमी हो रही है, और गैर-खाद्य खंड अभी भी एफएमसीजी क्षेत्र में खाद्य से आगे हैं। उद्योग ने पिछले साल मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत की मात्रा वृद्धि दर्ज की थी।

इसके अलावा, पिछली पांच लगातार तिमाहियों के रुझान को जारी रखते हुए, ग्रामीण बाजार, जो मुख्य रूप से छोटे पैक की इकाइयों का बाजार है, शहरी बाजार की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, इसकी वृद्धि भी धीमी हो गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, “साल 2025 की पहली तिमाही में ग्रामीण उपभोक्ता मांग की वृद्धि 2024 की पहली तिमाही की तुलना में धीमी रही, फिर भी यह शहरी क्षेत्रों में वृद्धि की तुलना में चार गुना तेज़ रही, जहां खपत और भी कम हो गई। भारत के अधिकांश क्षेत्रों में ग्रामीण बाजारों ने शहरी समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन जारी रखा।”

नीलसनआईक्यू एफएमसीजी के आंकड़ों के अनुसार, एफएमसीजी उद्योग ने मार्च तिमाही में मात्रा वृद्धि की तुलना में इकाई वृद्धि अधिक दर्ज की, जो छोटे आकार के पैक की ओर उपभोक्ता की प्राथमिकता में बदलाव को दर्शाता है।

इसके अलावा, छोटी कंपनियों (ज्यादातर बिना ब्रांड की) ने दोहरे अंक की मात्रा वृद्धि के साथ अपनी स्थिति मजबूत की है, जिसे ग्रामीण बाजार के पुनरुत्थान, मुद्रास्फीति और बाजार की बदलती गतिशीलता से मदद मिली है।

कुल मिलाकर, एफएमसीजी क्षेत्र ने मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जिसमें मात्रा में वृद्धि का योगदान 5.1 प्रतिशत तथा कीमतों में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि का था।

भाषा अनुराग अजय

अजय

अनुराग