UPI New Rules/Image Credit: Pexels
UPI New Rules: नई दिल्ली। आजकल ज्यादातर लोग UPI पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि, समय समय पर UPI के नियमों में भी कई बड़े बदलाव किए जाते हैं, जिसका असर सीधे जनता पर पड़ता है। इसी कड़ी में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिसके तहत बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) से UPI नेटवर्क पर 10 सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले APIs (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) पर सीमा तय करने और उनके सही इस्तेमाल को सुनिश्चित करने को कहा गया है। इन APIs में बैलेंस इन्क्वारी, ऑटो-पे मैनडेट पूरा करना और ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक करना आदि शामिल हैं।
इस वजह से लिया फैसला
NPCI के मुताबिक, 1 अगरस्त 2025 से UPI यूजर्स एक दिन में प्रत्येक ऐप पर सिर्फ 50 बार ही अपना बैलेंस चेक कर पाएंगे। ऐसे में अगर आप Paytm और PhonePe दोनों ऐप्स का उपयोग करते हैं, तो हर ऐप पर 50-50 बार बैलेंस देखने की सीमा होगी। दरअसल, बार-बार ऐसी रिक्वेस्ट्स UPI नेटवर्क पर दबाव बढ़ाती हैं और सिस्टम डाउन होने का खतरा रहता है। यहीम वजह है कि, ये बदलाव किया जा रहा है। ये नए दिशानिर्देश इसलिए जरूरी है, क्योंकि इस साल मार्च से कई UPI आउटेज की खबरें सामने आई हैं। जारी सर्कुलर में कहा गया कि, UPI ऐप्स में पीक आवर्स में लोड कम करने के लिए बैलेंस इन्क्वारी रिक्वेस्ट्स को सीमित या बंद करने की क्षमता होनी चाहिए।
ऑटोपे Mandate अब सिर्फ नॉन-पीक आवर्स में ही होंगे प्रोसेस
सर्कुलर में ये भी कहा गया कि सभी नॉन-कस्टमर-इनिशिएटेड APIs को पीक आवर्स में प्रतिबंधित करना होगा। पीक आवर्स को दिन में सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक डिफाइन किया गया है। API यूसेज गाइडलाइंस के मुताबिक, NPCI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे हर फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के बाद यूजर के अकाउंट में उपलब्ध बैलेंस की जानकारी दें। ऑटोपे मैनडेट एग्जीक्यूशन के संबंध में, NPCI ने शुरू करने वाले PSPs को निर्देश दिया है कि UPI ऑटोपे एग्जीक्यूशन को मॉडरेटेड ट्रांजेक्शन पर सेकंड (TPS) पर शुरू किया जाए और इसे गैर-पीक आवर्स में शुरू करना होगा। NPCI ने प्रति ऑटोपे मैनडेट मैक्जिमम 1 प्रयास और 3 रिट्राई की अनुमति देगा।
नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई
NPCI द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि, ‘PSP बैंक और/या अधिग्रहण बैंक ये सुनिश्चित करेंगे कि UPI को भेजे गए सभी API रिक्वेस्ट्स (वेलोसिटी और TPS — ट्रांजेक्शन पर सेकंड सीमाओं के संदर्भ में) की निगरानी और मॉडरेशन उचित उपयोग (ग्राहक-शुरू और PSP सिस्टम-शुरू) के संदर्भ में हो।’ वहीं, अगर कोई बैंक या PSP इन निर्देशों का पालन नहीं करता तो API एक्सेस को सीमित किया जा सकता है। नए ग्राहकों को जोड़ने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। ध्यान रहे NPCI द्वारा जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा PSPs से 31 अगस्त, 2025 तक NPCI को एक अंडरटेकिंग जमा करने को कहा गया है, जिसमें कहा गया है कि सभी सिस्टम-शुरू APIs को ‘क्यूड और रेट-लिमिटेड’ होना चाहिए।