सरकार का मत्स्य पालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने का आह्वान

सरकार का मत्स्य पालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने का आह्वान

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  • Publish Date - April 28, 2025 / 10:11 PM IST,
    Updated On - April 28, 2025 / 10:11 PM IST

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने सोमवार को लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में मत्स्य पालन के बुनियादी ढांचे और टिकाऊ तौर-तरीकों को अपनाने का आह्वान किया।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मंत्री ने मुंबई में तटीय राज्य मत्स्य सम्मेलन में 255 करोड़ रुपये की मत्स्य परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में, निर्यात में मूल्यवर्धन बढ़ाने, मत्स्य पालन क्षेत्र में संरक्षण उपायों को बढ़ावा देने और हानिकारक मछली पकड़ने की गतिविधियों को हतोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने भारत के विशाल समुद्री संसाधनों के उपयोग पर जोर देते हुए क्षेत्रीय मत्स्य परिषद के गठन, नीली क्रांति, प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और मत्स्य पालन बुनियादी ढांचा विकास कोष जैसी योजनाओं के तहत हुई प्रगति का जिक्र किया।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल ने नवीन कृषि विधियों, डिजिटल मंच के विकास और क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण की भूमिका के बारे में भी बात की।

उन्होंने सतत गतिविधियों को बढ़ावा देने, समुद्री संस्कृति को बढ़ाने और मत्स्य पालन क्षेत्र को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में केंद्र और राज्यों के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर मत्स्य संसाधनों का उपयोग किया जाएगा

उन्होंने कहा कि भारत की 11,000 किलोमीटर की तटरेखा और विशेष आर्थिक क्षेत्र की कम उपयोग की गई क्षमता, विशेष रूप से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में अप्रयुक्त टूना संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण