नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) बेहतर मेहनताना और काम की परिस्थितियों में सुधार की मांग को लेकर गिग कर्मचारियों का एक वर्ग बुधवार को हड़ताल पर रहा। हालांकि इसका ई-कॉमर्स और खाद्य पदार्थों के ऑनलाइन ऑर्डर और आपूर्ति करने वाले मंचों के कामकाज पर कोई खास असर नहीं पड़ा।
नए साल की पूर्व संध्या पर इन मंचों पर कारोबार सामान्य और मजबूत बना रहा।
‘गिग’ कर्मचारी काम के आधार पर भुगतान पाने वाले कर्मचारियों को कहा जाता है। ऑनलाइन आपूर्ति मंचों के लिए काम करते हैं।
कुछ जगहों पर गिग कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया, वहीं जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियों ने त्योहारों के दौरान अपनाई जाने वाली अपनी सामान्य प्रक्रिया के तहत डिलीवरी कर्मियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिए, ताकि नए साल की पूर्व संध्या पर सेवाओं में न्यूनतम बाधा रहे।
तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (टीजीपीडब्ल्यूयू) और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (आईएफएटी) ने दावा किया कि बेहतर भुगतान और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों की मांग को लेकर लाखों कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने वाले हैं।
इन संगठनों का कहना है कि भोजन वितरण और त्वरित वाणिज्य से जुड़ी कई कंपनियों के साथ काम करने वाले अनेक कर्मचारियों ने काम से दूरी बनाई है।
हालांकि, कंपनियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नए साल की पूर्व संध्या पर उनके लिए कामकाज सामान्य रहा।
हड़ताल के आह्वान के बीच जोमैटो ने शाम छह बजे से रात बारह बजे तक के व्यस्त समय में प्रति ऑर्डर 120 से 150 रुपये तक का भुगतान देने की पेशकश की।
कंपनी ने यह भी कहा कि ऑर्डर की संख्या और उपलब्धता के आधार पर दिनभर में 3,000 रुपये तक की कमाई संभव है। इसके अलावा ऑर्डर अस्वीकार करने या रद्द करने पर लगने वाले जुर्माने को अस्थायी रूप से हटा दिया गया।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह त्योहारी और साल के अंत में अपनाई जाने वाली सामान्य प्रक्रिया है।
जोमैटो और ब्लिंकिट का संचालन करने वाली कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि त्योहारों के दौरान मांग बढ़ने से कमाई के अवसर भी बढ़ते हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाए जाते हैं।
इसी तरह स्विगी ने भी साल के अंत में प्रोत्साहन बढ़ाए हैं।
कंपनी से जुड़े लोगों के अनुसार, 31 दिसंबर और एक जनवरी को मिलाकर डिलीवरी कर्मी 10,000 रुपये तक कमा सकते हैं। नए साल की पूर्व संध्या पर शाम छह बजे से रात बारह बजे तक के छह घंटे के लिए 2,000 रुपये तक की कमाई की बात कही गयी है, ताकि इस व्यस्त समय में पर्याप्त डिलीवरी कर्मी उपलब्ध रहें।
कंपनी ने कहा कि ऐसे समय में भुगतान बढ़ाना उनकी नियमित नीति का हिस्सा है।
दोनों कर्मचारी संगठनों टीजीपीडब्ल्यूयू और आईएफएटी ने संयुक्त बयान में कहा कि अब तक देशभर में 1.7 लाख से अधिक डिलीवरी और ऐप आधारित कर्मचारी हड़ताल में शामिल होने की पुष्टि कर चुके हैं और यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
संगठनों ने बताया कि 25 दिसंबर की हड़ताल के बाद 31 दिसंबर 2025 को देशव्यापी हड़ताल तेज करने का फैसला लिया गया।
संयुक्त बयान में कहा गया कि 25 दिसंबर की कार्रवाई ने कम होती कमाई, असुरक्षित डिलीवरी दबाव और काम पर सम्मान की कमी को लेकर कंपनियों को स्पष्ट संदेश दिया गश था। हालांकि, कंपनियों की ओर से न तो भुगतान में कटौती वापस ली गई, न ही कर्मचारियों से बातचीत हुई और न ही सुरक्षा या काम के घंटों को लेकर ठोस भरोसा दिया गया। इसी कारण यह हड़ताल अनिवार्य हो गई।
गिग कर्मचारियों के समर्थन में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि गिग कर्मचारियों को औद्योगिक कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जोमैटो, स्विगी जैसी कंपनियां उन्हें भागीदार कहती हैं, लेकिन श्रम कानूनों में उनके अधिकारों का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
भाषा
योगेश रमण
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