सरकार ने धान का एमएसपी 117 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया

सरकार ने धान का एमएसपी 117 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया

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  • Publish Date - June 19, 2024 / 09:59 PM IST,
    Updated On - June 19, 2024 / 09:59 PM IST

नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) सरकार ने बुधवार को खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को 5.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। यह कदम प्रमुख राज्यों मे विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है।

धान के समर्थन मूल्य में 117 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी सरकार के चावल के बड़े अधिशेष से जूझने के बावजूद की गई है, लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनावों से पहले यह महत्वपूर्ण है।

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 14 खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों में एमएसपी में वृद्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बड़ा फैसला है और यह समर्थन मूल्य को उत्पादन लागत से कम-से-कम 1.5 गुना रखने की सरकार की ‘स्पष्ट नीति’ को दर्शाता है।

धान मुख्य खरीफ फसल है। खरीफ फसलों की बुवाई आमतौर पर जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है और अक्टूबर 2024 और सितंबर 2025 के बीच इसका विपणन होता है।

एमएसपी वृद्धि की घोषणा करते हुए, वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी है।

मंत्री ने कहा कि एमएसपी वृद्धि से कुल वित्तीय बोझ 2,00,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो पिछले मौसम की तुलना में लगभग 35,000 करोड़ रुपये अधिक है। इससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि ‘सामान्य’ ग्रेड धान के लिए एमएसपी 117 रुपये बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ‘ए’ ग्रेड किस्म के लिए इसे आगामी खरीफ मौसम के लिए 2,320 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

अनाज में, ‘हाइब्रिड’ ज्वार के लिए एमएसपी 191 रुपये बढ़ाकर 3,371 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ‘मालदानी’ किस्म के लिए इसे 2024-25 विपणन सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 196 रुपये बढ़ाकर 3,421 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

वर्ष 2024-25 के लिए बाजरे का समर्थन मूल्य 125 रुपये बढ़ाकर 2,625 रुपये प्रति क्विंटल, रागी का 444 रुपये बढ़ाकर 4290 रुपये प्रति क्विंटल और मक्का का 135 रुपये बढ़ाकर 2,225 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

दालों के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए, 2024-25 खरीफ विपणन सत्र के लिए अरहर का एमएसपी 550 रुपये बढ़ाकर 7,550 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द का 450 रुपये बढ़ाकर 7,400 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग का 124 रुपये बढ़ाकर 8,682 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

इसी तरह, आगामी खरीफ सत्र के लिए सूरजमुखी बीज (तिलहन) का समर्थन मूल्य 520 रुपये बढ़ाकर 7,280 रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली का 406 रुपये बढ़ाकर 6,783 रुपये प्रति क्विंटल, सोयाबीन (पीला) का 292 रुपये बढ़ाकर 4,892 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। तिल का समर्थन मूल्य 632 रुपये बढ़ाकर 9,267 रुपये प्रति क्विंटल और नाइजरसीड का 983 रुपये बढ़ाकर 8,717 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

वाणिज्यिक फसलों के मामले में, कपास का समर्थन मूल्य 501-501 रुपये बढ़ाकर ‘मीडियम स्टेपल’ के लिए 7,121 रुपये प्रति क्विंटल और ‘लांग स्टेपल’ किस्म के लिए 7,521 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

वैष्णव ने कहा कि सरकार ने किसानों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए ‘बीज से बाजार तक’ का ख्याल रखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले दो कार्यकालों में सरकार ने अर्थव्यवस्था और किसानों के कल्याण के लिए एक मजबूत आधार बनाया। उस मजबूत आधार पर हम एक अच्छी छलांग लगा सकते हैं। किसानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नीति में निरंतरता है।’’

सरकार के अनुसार, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन बाजरा (77 प्रतिशत) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है, इसके बाद तुअर (59 प्रतिशत), मक्का (54 प्रतिशत) और उड़द (52 प्रतिशत) का स्थान है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन 50 प्रतिशत होने का अनुमान है।

मौजूदा समय में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास लगभग 5.34 करोड़ टन चावल का रिकॉर्ड भंडार है, जो आवश्यक बफर से चार गुना अधिक है और बिना किसी नई खरीद के एक वर्ष के लिए कल्याणकारी योजनाओं के तहत मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

मौसम विभाग के अनुसार, एक जून को मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से देश भर में लगभग 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसके बावजूद, अब मानसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम की स्थिति अनुकूल है। भाषा राजेश राजेश रमण

रमण