बांग्लादेश के साथ व्यापार पर सरकार की नजरः वाणिज्य सचिव

बांग्लादेश के साथ व्यापार पर सरकार की नजरः वाणिज्य सचिव

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  • Publish Date - August 14, 2024 / 07:09 PM IST,
    Updated On - August 14, 2024 / 07:09 PM IST

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बुधवार को कहा कि भारत बांग्लादेश में स्थिति पर नजर बनाए हुए है और दोनों देशों के बीच सीमापार कारोबार को बेहतर करने के लिए कदम उठा रहा है।

घरेलू निर्यातक बांग्लादेश के सियासी हालात को लेकर चिंतित हैं। निर्यातक ऐसी आशंका जता चुके हैं कि बांग्लादेश के राजनीतिक संकट का द्विपक्षीय व्यापार पर असर देखने को मिलेगा।

बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बांग्लादेश में स्थिति तेजी से सुधर रही है और हम सीमापार होने वाले व्यापार पर नजर रख रहे हैं। हमें लगता है कि जो भी व्यवधान थे, उन्हें काफी हद तक दूर कर लिया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी मानते हैं कि भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार में सुधार होना चाहिए। इसलिए हमें लगता है कि व्यापार को बेहतर बनाने के लिए हम जो भी बेहतरीन प्रयास कर सकते हैं, हमें वह करना चाहिए और हम ऐसा कर रहे हैं।’’

बांग्लादेश में करीब एक महीने तक अशांति और उथल-पुथल रहने के बाद अंतरिम सरकार का गठन हुआ है। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार बनी है। उसके पहले करीब 15 वर्षों से सत्ता पर काबिज शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ देश छोड़कर जाना पड़ा था।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में बांग्लादेश को भारत का निर्यात 11.13 प्रतिशत बढ़कर 80.35 करोड़ डॉलर हो गया। इसके साथ अप्रैल-जुलाई अवधि में निर्यात 10.76 प्रतिशत बढ़कर 3.58 अरब डॉलर हो गया।

बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है जबकि भारत एशिया में पड़ोसी देश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

बांग्लादेश को भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 के 12.21 अरब डॉलर से घटकर 2023-24 में 11 अरब डॉलर रह गया। आयात भी दो अरब डॉलर से घटकर 1.84 अरब डॉलर रह गया।

बर्थवाल ने कहा, ‘‘हम हालात पर नजर रख रहे हैं। हम चाहते हैं कि कारोबारी संबंध बहाल हों। हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगा कि चीजें किस तरह बदलेंगी।’’

निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार की सामान्य स्थिति लौटने से न केवल समग्र ऑर्डर बुकिंग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि निर्यात के श्रम-बहुल क्षेत्रों को भी फायदा होगा।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय