Rule Change For Gratuity: एक साल की नौकरी पर मिलेगी ग्रेच्युटी, अब नहीं करना होगा 5 साल का इंतजार, सरकार ने बदला कानून

Gratuity Rules Change: श्रम कानून में लागू किए गए सुधारों में एक अहम बदलाव ग्रेच्युटी पर हुआ है। इसके तहत अब एक साल की नौकरी पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकेगा।

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  • Publish Date - November 21, 2025 / 11:40 PM IST,
    Updated On - November 21, 2025 / 11:52 PM IST

Rule Change For Gratuity, image source: file image

HIGHLIGHTS
  • ग्रेच्यूटी के लिए 5 साल की टाइम लिमिट खत्म
  • अब एक साल की नौकरी पर भी ग्रेच्युटी का लाभ
  • श्रम कानून में लागू किए गए सुधारों में अहम बदलाव

नई दिल्ली: Rule Change For Gratuity, केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को श्रम कानून में बड़े बदलाव और सुधार (Labour Act Reforms) की घोषणा की गई हैं। इसके तहत केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने 29 श्रम कानूनों को महज 4 कोड तक सीमित किया है। श्रम कानून में लागू किए गए सुधारों में एक अहम बदलाव ग्रेच्युटी पर हुआ है। इसके तहत अब एक साल की नौकरी पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकेगा।

लेबर मिनिस्ट्री के मुताबिक, इन नए कोड से देश के सभी श्रमिकों (अनौपचारिक सेक्टर, गिग वर्कर्स, प्रवासी मजदूरों और महिलाओं समेत) बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य-सुरक्षा की गारंटी मिलेगी।

लेबर एक्ट में लागू किए जा रहे सुधारों में Gratuity Rule इसलिए भी खास हो जाता है, क्योंकि अब तक आमतौर पर किसी भी संस्थान में लगातार 5 साल की नौकरी पूरी करने के बाद इसका लाभ मिलता था, लेकिन सरकार ने अब साफ कर दिया है कि फिक्‍स्‍ड टर्म कर्मचारियों (FTE) को पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा और महज एक साल काम करने के बाद ही ग्रेच्‍युटी का लाभ मिल सकेगा।

नए नियमों में ये साफ किया गया है कि Fixed-Term Employees को पर्मानेंट एंप्लाई से जुड़े सभी तरह के फायदे मिलेंगे, जिनमें छुट्टी से लेकर मेडिकल और सोशल सिक्योरिटी तक शामिल हैं। इन्हें पर्मानेंट स्टाफ के बराबर सैलरी देने के साथ ही प्रोटेक्शन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का उद्देश्य कॉन्ट्रैक्ट पर काम कम करने के साथ डायरेक्ट हायरिंग को बढ़ावा देना है।

Rule Change For Gratuity, जानें क्या होती है ग्रेच्युटी?

दरअसल, Gratuity किसी भी कंपनी की तरफ से अपने कर्मचारियों को एक तरह से उनके काम के बदले दिया जाने वाला गिफ्ट जैसा होता है। जो अब तक एक संस्थान में 5 साल काम करने के बाद बनती थी, लेकिन अब एक साल में बनेगी। कर्मचारियों के लिए आर्थिक तौर पर ये एक बड़ा सहारा साबित होती है, क्योंकि उन्हें कंपनी छोड़ने या फिर रिटायर होने पर ग्रेच्‍युटी की पूरी रकम एकमुश्‍त दी जाती है।

बता दें कि देश में सभी फैक्ट्रियों, खदानों, ऑयल फील्ड, बंदरगाहों और रेलवे पर पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है। अब तक ये उम्मीद जताई जा रही थी कि ग्रेच्युटी के लिए एलिजिबिलिटी लिमिट को सरकार पांच साल से घटाकर 3 साल करने पर विचार कर रही है, लेकिन सरकार की ओर से कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए इसे महज 1 साल न्यूनतम कर दिया गया है।

जानें किस तरह करते हैं Gratuity का कैलकुलेशन

आपको बता दें कि ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का तरीका बेहद ही सरल होता है और आप एक फॉर्मूले के तहत पता कर सकते हैं कि आपकी ग्रेच्युटी कितनी बन रही है। Gratuity Fund की गणना में निकालने के लिए, (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया) वाला फॉर्मूला लागू किया जाता है।

अब मान लीजिए आपने किसी कंपनी में 5 साल तक काम किया है। आपकी लास्ट पे (Basic Pay+DA) 50000 रुपये है, तो कैलकुलेशन (50000) x (15/26) x (5) के = 1,44,230 रुपये होगा।

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क्या अब 1 साल नौकरी पर भी ग्रेच्युटी मिलेगी?

हाँ। नए श्रम कानून लागू होने के बाद Fixed-Term Employees (FTE) को सिर्फ 1 साल नौकरी पूरी करने पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। पहले इसके लिए 5 साल की निरंतर नौकरी अनिवार्य थी।

क्या यह नियम सभी कर्मचारियों पर लागू है?

यह नियम Fixed-Term Employees के लिए लागू किया गया है। उन्हें अब परमानेंट कर्मचारियों के बराबर सभी लाभ दिए जाएंगे—जिसमें छुट्टियाँ, मेडिकल, सामाजिक सुरक्षा और ग्रेच्युटी शामिल हैं।

नए ग्रेच्युटी नियम का उद्देश्य क्या है?

सरकार का लक्ष्य है: कॉन्ट्रैक्ट वर्क कम करना डायरेक्ट हायरिंग को बढ़ावा देना श्रमिकों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता देना

ग्रेच्युटी कैसे कैलकुलेट की जाती है?

ग्रेच्युटी निकालने का फॉर्मूला: Gratuity = अंतिम सैलरी × (15/26) × कंपनी में काम किए गए साल उदाहरण: अंतिम सैलरी ₹50,000 हो और नौकरी 5 साल की हो, तो ग्रेच्युटी = 50,000 × 15/26 × 5 = ₹1,44,230

क्या यह बदलाव सभी सेक्टरों पर लागू है?

हाँ। पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट फैक्ट्रियों, खदानों, तेल क्षेत्रों, पोर्ट्स और रेलवे सहित सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होता है। नए कोड के बाद इसका दायरा और स्पष्ट हो गया है।