नयी दिल्ली: माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह में कमी के मुआवजे की दूसरी किस्त के तौर पर केंद्र 16 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों को 6,000 करोड़ रुपये सोमवार को हस्तांतरित किए। इनमें महाराष्ट्र, बिहार, असम, पुडुच्चेरी और दिल्ली भी शामिल हैं। जीएसटी व्यवस्था के तहत राज्य सरकारों के राजस्व में कमी पूरी करने के लिए केंद्र सरकार उन्हें मुआवजा देती है। मुआवजे की राशि संग्रह के लिए अलग से उपकर का प्रावधान है। कोविड-19 संकट और लॉकडाउन के चलते केंद्र एवं राज्य सरकारों के जीएसटी संग्रह में कमी आयी है।
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इससे पहले केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को जीएसटी राजस्व की कमी पूरा करने के लिए पहली किस्त के रूप में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली एवं जम्मू-कश्मीर को 6,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे। दूसरी किस्त में केंद्र शासित प्रदेश पुडुच्चेरी को भी जोड़ लिया गया है। मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय राज्यों के लिए जीएसटी मुआवजा उपकर संग्रह में गिरावट की कमी को पूरा करने के लिए विशेष सुविधा के तहत 16 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों का आज (सोमवार) 6,000 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जारी की।’’
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बयान के मुताबिक यह कर्ज 4.42 प्रतिशत की ब्याज पर उपलब्ध है जो राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उठाए जाने वाले कर्ज से सस्ता है। अत: इससे उन्हें लाभ होगा। बयान में कहा गया है, ‘‘ वित्त मंत्रालय ने अभी तक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विशेष सुविधा के तहत 12,000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया है। अभी तक 21 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों ने विशेष सुविधा के तहत ऋण लेने का विकल्प चुना है। इसमें ऋण के लिए राशि केंद्र सरकार ने जुटायी है और वह जीएसटी मुआवजा उपकर राशि के एवज में इसे राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को लगातार उपलब्ध करा रही है। इस सेवा का लाभ उठाने वाले राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुच्चेरी शामिल हैं।