जीएसटी परिषद: गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, कर चोरी रोकने पर होगा विचार |

जीएसटी परिषद: गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, कर चोरी रोकने पर होगा विचार

जीएसटी परिषद: गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, कर चोरी रोकने पर होगा विचार

:   Modified Date:  December 16, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : December 16, 2022/8:31 pm IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) जीएसटी परिषद की शनिवार को होने वाली बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर विचार किये जाने की संभावना है।

बैठक के एजेंडे में अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना और पान मसाला तथा गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने की व्यवस्था बनाना शामिल है।

इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर जीएसटी को लेकर विचार-विमर्श भी किया जा सकता है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी।

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, ”केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल शनिवार को नयी दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 48वीं जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगी। बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।”

परिषद कर अधिकारियों की एक रिपोर्ट पर भी विचार करेगी और कुछ वस्तुओं और सेवाओं में जीएसटी दर को स्पष्ट करेगी।

जीएसटी कानून के तहत गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के संबंध में जीएसटी परिषद की विधि समिति ने मुकदमा शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है।

कानून समिति ने यह सुझाव भी दिया है कि जीएसटी के तहत गड़बड़ियों के लिए करदाताओं द्वारा देय शुल्क को घटाकर कर राशि के 25 प्रतिशत तक किया जाए। इस समय यह 150 प्रतिशत तक है।

इसी तरह आपराधिक मामलों के तहत मुकदमा चलाने के लिए वर्तमान पांच करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया गया है।

सूत्रों ने कहा कि पान मसाला और गुटखा कंपनियों द्वारा कर चोरी पर जीओएम की रिपोर्ट पर परिषद में चर्चा होने की संभावना है।

माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के संबंध में जीओएम ने सुझाव दिया है कि इसमें दो न्यायिक सदस्य, केंद्र तथा राज्यों के एक-एक तकनीकी सदस्य के साथ ही अध्यक्ष के रूप में उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश होने चाहिए।

ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर कर लगाने के संबंध में जीओएम ने नवंबर में अपनी पिछली बैठक में 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर सहमति जताई थी। हालांकि, आम सहमति के अभाव में इस पर फैसले को टाल दिया गया।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)