भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते की मुख्य बातें

भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते की मुख्य बातें

भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते की मुख्य बातें
Modified Date: December 22, 2025 / 12:36 pm IST
Published Date: December 22, 2025 12:36 pm IST

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) भारत और न्यूजीलैंड ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता संपन्न होने की घोषणा सोमवार की। इस समझौते पर तीन महीने में हस्ताक्षर होने की संभावना है और इसे अगले वर्ष लागू किए जाने की उम्मीद है।

इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं:-

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* भारत के 100 प्रतिशत निर्यात पर शून्य शुल्क वाली बाजार पहुंच। भारत ने 70 प्रतिशत श्रेणियों में शुल्क उदारीकरण की पेशकश की है जिसके दायरे में भारत–न्यूजीलैंड द्विपक्षीय व्यापार का 95 प्रतिशत हिस्सा आता है।

* यह बाजार पहुंच भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे वस्त्र, परिधान, चमड़ा, जूते, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग सामान तथा मोटर वाहन की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाती है।

* किसी भी विकसित देश के साथ सबसे तेजी से संपन्न हुआ यह मुक्त व्यापार समझौता, वस्त्र, दवा, चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान एवं कृषि उत्पादों सहित सभी भारतीय निर्यातों के लिए वर्ष का शानदार समापन सुनिश्चित करता है।

* 5,000 पेशेवरों के लिए अस्थायी रोजगार प्रवेश वीजा और 1,000 कार्य एवं अवकाश वीजा का समर्पित कोटा।

* न्यूजीलैंड ने अगले 15 वर्ष में भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई है।

* उत्पादकता बढ़ाने के लिए न्यूजीलैंड द्वारा सेब, कीवी फल और शहद के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के जरिये कृषि उत्पादकता साझेदारी की स्थापना।

* भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिए शुल्क मुक्त कच्चे माल: लकड़ी के लट्ठे, कोकिंग कोयला, धातुओं का अपशिष्ट एवं कबाड़ (स्क्रैप) ।

* आयुष, संस्कृति, मत्स्य पालन, ऑडियो-विजुअल पर्यटन, वानिकी, बागवानी और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों में सहयोग पर सहमति बनी है।

* शुल्क उदारीकरण के अलावा, मुक्त व्यापार समझौते में बेहतर नियामक सहयोग के माध्यम से गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने के प्रावधान भी शामिल हैं।

* 2024-25 में द्विपक्षीय माल व्यापार 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वस्तुओं व सेवाओं का कुल व्यापार 2024 में करीब 2.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इसमें केवल सेवाओं का योगदान 1.24 अरब अमेरिकी डॉलर था।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


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