टोरेंट समूह के मानद चेयरमैन का स्नातकों से आत्म-निर्भर बनने, बड़े सपने देखने का आह्वान

टोरेंट समूह के मानद चेयरमैन का स्नातकों से आत्म-निर्भर बनने, बड़े सपने देखने का आह्वान

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  • Publish Date - December 11, 2025 / 08:25 PM IST,
    Updated On - December 11, 2025 / 08:25 PM IST

(तस्वीर के साथ)

गांधीनगर, 11 दिसंबर (भाषा) टोरेंट समूह के मानद चेयरमैन सुधीर मेहता ने बृहस्पतिवार को स्नातकों से आत्म-निर्भरता, बड़े सपनों और मजबूत मूल्यों को जीवन के मार्गदर्शक सिद्धांत बनाने का आह्वान किया।

मेहता ने यहां ‘पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी’ (पीडीईयू) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2007 में स्थापित यह संस्थान आज एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त बहुविषयक संस्थान बन गया है। यह भारत का एकमात्र व्यापक ऊर्जा संस्थान है, जो अब 22 देशों के छात्रों को आकर्षित करता है।

उन्होंने युवाओं से आत्म-निर्भरता को व्यक्तिगत आदर्श बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें ‘विकसित भारत’ के लिए नवाचार और राष्ट्रीय जरूरतों को पूरा करने में योगदान देना चाहिए।

मेहता ने छात्रों को बड़ा सोचने के लिए भी प्रेरित किया और समूह की दवा कंपनी टोरेंट फार्मा के वैश्विक विस्तार एवं समूह की ऊर्जा परियोजनाओं का उदाहरण दिया।

मेहता ने कहा, “प्रौद्योगिकी में बदलाव, जलवायु चुनौतियां, बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य और द्विपक्षीय समीकरण आज वैश्विक बाजारों को गतिशील एवं अप्रत्याशित बना रहे हैं।”

उन्होंने अपने दिवंगत पिता उत्तमभाई एन मेहता को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भारत में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराने के मकसद से टोरेंट फार्मा की नींव रखी थी।

आज टोरेंट फार्मा भारत की दूसरी सबसे बड़ी दवा कंपनी बन चुकी है और उसकी करीब 50 देशों में उपस्थिति है।

इसके अलावा टोरेंट समूह अपनी कंपनियों टोरेंट पावर और टोरेंट गैस के जरिये देश की प्रमुख बिजली कंपनियों में भी शामिल हो चुका है।

मेहता ने पीडीईयू के छात्रों से कहा, “बड़े सपने देखें और अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने की भूख रखें। विज्ञान और प्रौद्योगिकी को रचनात्मक कल्पना के साथ जोड़कर समाज के लिए नवाचार करें और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाएं।”

उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा, जैव-ईंधन, कार्बन भंडारण, सेमीकंडक्टर, वाहन अनुसंधान एवं सौर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का भी उल्लेख किया।

मेहता ने प्रौद्योगिकी के तेजी से बदलते दौर पर कहा, “प्रौद्योगिकी ताकत देती है, लेकिन मूल्य आपको दिशा देते हैं।”

उन्होंने ईमानदारी और नैतिकता को भावी नेताओं के लिए अनिवार्य मार्गदर्शक बताया।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण