Bahraich Violence. Image Source- IBC24
सरफ़राज़ आलम, बहराइचः Bahraich Violence यूपी के बहराइच जिले में महाराजगंज बवाल कांड में कोर्ट ने 14 महीने में बड़ा फैसला सुनाया है। अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा ने मुख्य आरोपी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि अन्य 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी है। फैसले के मद्देनजर पुलिस महकमे ने कोर्ट परिसर, जिले व विशेषकर महाराजगंज और आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए। कोर्ट परिसर में काफी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही।
हरदी थाने के महाराजगंज में 13 अक्तूबर 2024 को प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर के दौरान हिंसा और रामगांव थाने के रेहुवा मंसूर गांव निवासी राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या के बाद लगभग एक सप्ताह तक बवाल हुआ था। बवाल के मद्देनजर तत्कालीन सीओ महसी रूपेन्द्र गौड़, एएसपी ग्रामीण डॉ। पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटाया गया था। स्थित सामान्य होने के बाद एसपी वृंदा शुक्ला का भी तबादला किया गया था। 13 अक्तूबर की रात हरदी थाने के अब्दुल हमीद सहित 13 आरोपियों को नामजद कर दंगा, हत्या सहित विभिन्न संज्ञेय धाराओं में केस दर्ज किया गया था। मंगलवार को अदालत ने युवक की हत्या के मामले में 10 आरोपियों को दोषसिद्ध घोषित किया है। एडीजीसी क्रिमिनल प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि तेज पैरवी के चलते कोर्ट में 4 मार्च से साक्ष्य शुरू होकर 26 नवम्बर को पूर्ण हो गए। तीन आरोपियों को संदेह के आधार पर बरी किए जाने, दस आरोपियों पर दोषसिद्ध हो चुका है। फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। आज फैसला आया है।
9 दिसंबर को जब कोर्ट ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया था, तब राम गोपाल मिश्रा की पत्नी रोली मिश्रा ने कहा था कि, “मेरे पति के हत्यारों को फांसी दो, तभी न्याय मिलेगा। बरी किए गए तीन भी दोषी हैं, उन्हें भी सजा मिलनी चाहिए।” परिवार ने सभी दोषियों को मौत की सजा की मांग की है। बरी हुए खुर्शीद, शकील और अफजल हैं। मामले में रासुका भी लगाई गई थी। प्रशासन ने इलाके में भारी फोर्स तैनात की है, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे। CM योगी आदित्यनाथ ने पहले ही सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था।