भारत के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, उद्योगों में आत्मनिर्भर बनना जरूरीः अंबानी

भारत के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, उद्योगों में आत्मनिर्भर बनना जरूरीः अंबानी

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  • Publish Date - December 11, 2025 / 10:13 PM IST,
    Updated On - December 11, 2025 / 10:13 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

गांधीनगर, 11 दिसंबर (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की भावी प्रगति की राह में चुनौती पैदा करने वाले भू-राजनीतिक हालात से निपटने के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों एवं उद्योगों में आत्मनिर्भरता हासिल करनी होगी।

अंबानी ने यहां पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी (पीडीईयू) के 13वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बाकी दुनिया में भरोसे के अभाव के बीच भारत आठ प्रतिशत की दर से छलांग लगा रहा है।

पीडीईयू के अध्यक्ष अंबानी ने कहा, “पूरी दुनिया में भरोसे की कमी है, लेकिन भारत आशा और आत्मविश्वास से लबरेज है। एक दशक पहले भारत के अन्य हिस्सों में केवल ‘वाइब्रेंट गुजरात’ की चर्चा थी, आज पूरी दुनिया ‘वाइब्रेंट इंडिया’ की बात कर रही है।”

हालांकि उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक परिस्थितियों ने भारत के भविष्य की प्रगति के लिए कुछ चुनौतियां पैदा की हैं।

उन्होंने इसका कोई उदाहरण नहीं दिया लेकिन चीन का वैश्विक आपूर्ति शृंखला और महत्वपूर्ण खनिजों पर नियंत्रण दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए रणनीतिक चिंता का विषय बनकर उभरा है।

अंबानी ने संस्थान के स्नातक छात्रों से कहा कि उन्हें जिज्ञासा, साहस, धैर्य और कृतज्ञता को जीवन का मार्गदर्शक सिद्धांत मानकर त्वरित प्रौद्योगिकी परिवर्तन वाले विश्व में आगे बढ़ना चाहिए।

उन्होंने छात्रों को कहा कि वे ‘नए भारत की अजेय भावना’ का प्रतिनिधित्व करते हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख ने कहा कि भारत इस समय वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच लगभग आठ प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है लेकिन उसके लिए कृत्रिम मेधा (एआई), नवीन ऊर्जा, अंतरिक्ष, जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान जैसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करना जरूरी है।

अंबानी ने छात्रों से कहा, “इस दौड़ में जो जीता वही सिकंदर। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत जीतेगा।”

उन्होंने पीडीईयू को भी हरित ऊर्जा, हरित पदार्थ और हरित अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल होने का लक्ष्य रखने के लिए कहा।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण