अमेरिका अगर भारत के प्रस्ताव से खुश है, तो व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर देना चाहिएः गोयल

अमेरिका अगर भारत के प्रस्ताव से खुश है, तो व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर देना चाहिएः गोयल

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  • Publish Date - December 11, 2025 / 09:47 PM IST,
    Updated On - December 11, 2025 / 09:47 PM IST

मुंबई, 11 दिसंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर अमेरिका व्यापार समझौते से संबंधित भारतीय पेशकश से खुश है, तो उसे मुक्त व्यापार समझौते के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर देने चाहिए।

गोयल ने भारत की तरफ से रखी गई पेशकश पर ट्रंप प्रशासन के विचारों का स्वागत किया। लेकिन उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से इंतजार किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर की कोई समयसीमा बताने से परहेज किया।

वाणिज्य मंत्री अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि अमेरिका को व्यापार समझौते को लेकर भारत से ‘अब तक का सबसे अच्छा’ प्रस्ताव मिला है।

गोयल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘उनकी खुशी का बहुत स्वागत है। और, मेरा मानना ​​है कि अगर वे बहुत खुश हैं, तो उन्हें बिना किसी देरी के इस पर हस्ताक्षर कर देना चाहिए।’’

हालांकि, उन्होंने अमेरिका को भारत की तरफ से की गई पेशकश के बारे में बताने से मना कर दिया।

उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बातचीत के पांच दौर पूरे हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के ‘उप व्यापार प्रतिनिधि’ रिक स्विट्जर की भारत की मौजूदा यात्रा किसी नए वार्ता दौर का हिस्सा नहीं है, बल्कि “एक-दूसरे को बेहतर समझने” का प्रयास है।

स्विट्जर ने वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व वाले भारतीय दल के साथ दो दिन तक बातचीत की।

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच भी बृहस्पतिवार को फोन पर बातचीत हुई, जिसमें व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।

यह बातचीत ऐसे समय हुई है जब दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।

एफटीए पर हस्ताक्षर अगले साल मार्च में होने की संभावना जताने वाले मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन के बयान के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि वह इस टिप्पणी से अवगत नहीं हैं और समझौते के लिए कोई भी समय-सीमा तय करना सही नहीं होगा।

उन्होंने कहा, “कोई समझौता तभी होता है जब दोनों पक्षों को लाभ हो। समय-सीमा बनाकर वार्ता नहीं करनी चाहिए, इससे गलतियां होती हैं।”

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ग्रीयर ने मंगलवार को अमेरिकी सीनेट की एक सुनवाई में कहा कि भारत में मक्का, सोयाबीन, गेहूं और कपास और मांस जैसे कुछ उत्पादों को लेकर काफी प्रतिरोध है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक दिए गए प्रस्तावों में बहुत प्रगतिशील रुख दिखाया है।

ग्रीयर ने कहा, ‘भारत ने हमारे सामने जिस तरह के प्रस्ताव रखे हैं, वे अमेरिका को अब तक मिले सबसे अच्छे प्रस्ताव हैं। मुझे लगता है कि यह एक सक्षम वैकल्पिक बाजार है।’

यह वार्ता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का भारी शुल्क लगाया हुआ है। पहले 25 प्रतिशत शुल्क भारत के व्यापार अधिशेष को लेकर लगाया गया था और बाद में रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया गया। इन आयात शुल्कों ने अमेरिका को भारत के कुल निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण