जरूरत पड़ी, तो महंगाई पर काबू के लिए और बड़े नीतिगत कदम उठाएंगे : दास |

जरूरत पड़ी, तो महंगाई पर काबू के लिए और बड़े नीतिगत कदम उठाएंगे : दास

जरूरत पड़ी, तो महंगाई पर काबू के लिए और बड़े नीतिगत कदम उठाएंगे : दास

:   Modified Date:  August 10, 2023 / 04:34 PM IST, Published Date : August 10, 2023/4:34 pm IST

मुंबई, 10 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए हमें जरूरत होने पर ‘अर्जुन की नजर’ से भी आगे के लिए तैयार रहना होगा।

टमाटर और अन्य सब्जियों के दामों में उछाल की वजह से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को ऊपर की ओर संशोधित किया गया है।

द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए गवर्नर दास ने कहा कि जून तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत रही है, जो पिछली जून की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के अनुमान के अनुरूप है।

जून में खाद्य मुद्रास्फीति की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.8 प्रतिशत हो गई।

दास ने कहा, पिछले रुझानों के अनुसार सब्जियों की कीमत में कुछ महीनों के बाद बड़ा सुधार हो सकता है। मानसून में सुधार के कारण खरीफ फसलों को लेकर संभावनाएं उज्ज्वल हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि हालांकि, अचानक मौसम में बदलाव और अगस्त एवं उसके बाद संभावित अल नीनो स्थितियों के कारण घरेलू खाद्य मूल्य रुझान को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

दास ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति का भविष्य का अनुमान एक सतत प्रक्रिया है। हमारे पास एमपीसी की प्रत्येक बैठक में अपने मुद्रास्फीति अनुमान को संशोधित करने का विकल्प है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा अनिश्चितताओं को देखते हुए रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया गया है। जून में मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था।

दूसरी तिमाही में मुद्रास्फीति 6.2 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान है, तीसरी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रह सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 5.2 प्रतिशत है।

भाषा अनुराग अजय

अजय

 

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