नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बृहस्पतिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिये बजट में पूंजी व्यय प्रावधान में वृद्धि कुछ और नहीं बल्कि ‘दृष्टि भ्रम’ है और वास्तविकता से कोसों दूर है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिये जो अनुमान लगाया गया है, वह कुछ ज्यादा ही आशावादी और दिखाने भर के लिये है।
उच्च पूंजी व्यय प्रावधान के बारे में अपने ‘ब्लॉग’ पर लिखे लेख में गर्ग ने दावा किया कि 2021-21 के संशोधित अनुमान में 4.39 लाख करोड़ रुपये का संशोधित पूंजी व्यय अनुमान वास्तविकता से कोसों दूर है।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 2021-22 के लिये पूंजी व्यय 34.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ 5.54 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा है। यह अनुमान 2020-21 के बजटीय अनुमान 4.12 लाख करोड़ रुपये पर आधारित है।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिये संशोधित पूंजी व्यय अनुमान 4.39 लाख करोड़ रुपये है जो 6.55 प्रतिशत वृद्धि को बताता है।
उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2020-21 के लिये पूंजी व्यय प्रावधानों में वृद्धि महज दृष्टि भ्रम है और 2021-22 के लिये जो अनुमान रखा गया है, वह काफी आशावादी और सामान्य तौर पर दिखाने भर के लिये है।’’
गर्ग ने इस बारे में विस्तार से लिखा है। रेलवे के नियमित मदों में पूंजी व्यय काफी कम रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘नई लाइन के निर्माण पर खर्च 12,000 करोड़ रुपये से कम कर केवल 929 करोड़ रुपये, गेज परिवर्तन के लिये 2,250 करोड़ रुपये से कम कर 26 करोड़ रुपये, रेलगाड़ियों (रॉलिंग स्टोक) के लिये 5,787 करोड़ रुपये से 2,004 करोड़ रुपये, पटरियों के नवीनीकरण के लिये 10,599 करोड़ रुपये से शून्य किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि सरकार ने आम बजट से कोविड से जुड़े संसाधनों में कमी को पूरा करने के लिये 79,398 करोड़ रुपये विशेष कर्ज रेलवे को दिया। यह रेलवे को नकदी समर्थन और चालू वर्ष में हुए नुकसान को पूरा करने के लिये दिया गया….।’’
गर्ग ने कहा कि अगर पूंजी व्यय से कोविड संबंधित संसाधन अंतर के लिये विशेष कर्ज को हटा दिया जाए तो संशोधित अनुमान के अनुसार 2020-21 के लिये पूंजी व्यय प्रावधान 1,08,398 करोड़ रुपये से घटकर वास्तव में 29,000 करोड़ रुपये पर आ जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘विशेष कर्ज 79,398 करोड़ रुपये को 2020-21 के संशोधित अनुमान से अलग किया जाए तो पूंजी व्यय 4,39,163 करोड़ रुपये के बजाए 3,59,765 करोड़ रुपये बैठता है।’’
पूर्व वित्त सचिव ने कहा कि बजट में 12,000 करोड़ रुपये के एक अन्य कर्ज को भी केंद्र के पूंजी व्यय में दिखाया गया है।
उन्होंने कहा कि 12,000 करोड़ रुपये का कर्ज बजट मद में अंतरण के तहत राज्यों को दिया गया है।
गर्ग ने कहा कि इसको हटाने के बाद वास्तविक रूप से संशोधित पूंजी व्यय 3,47,765 करोड़ रुपये बनता है।
भाषा
रमण मनोहर
मनोहर