(मनोज राममोहन)
जिनेवा, 10 दिसंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) के महानिदेशक विली वॉल्श ने कहा कि भारत विमानन कंपनियों के लिए ऐतिहासिक रूप से चुनौतीपूर्ण रहा है लेकिन इसमें एक शानदार बाजार बनने के सभी पहलू मौजूद हैं और वर्तमान में दिखाई दे रही कुछ समस्याएं अस्थायी हैं।
वृद्धि की अपार संभावनाओं और हवाई यातायात की बढ़ती मांग को देखते हुए भारतीय विमानन कंपनियां अपनी क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही हैं और 1,500 से अधिक विमानों का ऑर्डर दिया जा चुका है। इसके अलावा नए हवाई अड्डों का निर्माण भी हो रहा है।
हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में निवेश और विमानन कंपनियों द्वारा अतिरिक्त विमानों में निवेश का स्वागत करते हुए वॉल्श ने कहा कि भारत का घरेलू बाजार 2020 की तुलना में 2025 में 32 प्रतिशत बड़ा हो गया है।
वॉल्श ने कहा, ‘‘यात्रियों द्वारा तय की गई कुल दूरी के हिसाब से अर्जित राजस्व में (भारतीय घरेलू बाजार में) एक तिहाई से अधिक की वृद्धि हुई है… ऐसा नहीं है कि यह वृद्धि हासिल करने में चुनौतियों नहीं आईं… भारत ने इस वृद्धि के लिए अनुकुल माहौल तैयार किया जो एक बेहतरीन मिसाल है… यह सबसे आकर्षक वैश्विक बाजारों में से एक है।’’
इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान और अन्य चुनौतियों के मद्देनजर आईएटीए प्रमुख ने कहा कि उन्हें भारतीय बाजार में सामने आ रही कुछ समस्याएं अस्थायी प्रतीत होती हैं।
अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) करीब 360 विमानन कंपनियों का एक वैश्विक समूह है जो वैश्विक हवाई यातायात के 80 प्रतिशत से अधिक का प्रतिनिधित्व करती हैं। आईएटीए के सदस्यों में एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइसजेट शामिल हैं।
जिनेवा में मंगलवार को एक मीडिया गोलमेज सम्मेलन में वॉल्श ने कहा कि भारत में एक शानदार बाजार बनने की सभी बातें मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि हम इस बात के लिए उनकी आलोचना करेंगे कि अन्य विमानन कंपनियों ने बाजार में प्रवेश नहीं किया है या हम आज जिस स्थिति में हैं, उसके लिए भी..। वे हर स्थिति में डटे रहे हैं और अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं इसलिए मुझे लगता है कि समय के साथ बाजार में बदलाव आएगा।’’
यह जवाब उन्होंने तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में द्वयाधिकार प्रवृत्तियों के बारे में किए एक प्रश्न के उत्तर में दिया। भारत में इंडिगो और एयर इंडिया समूह घरेलू बाजार में 90 प्रतिशत से अधिक उड़ानों का संचालन करती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ने से नयी कंपनियों को बाजार में प्रवेश करने में आसानी होगी। आने वाले वर्षों में हम यही देखेंगे।’’
भारत में पिछले कई वर्षों में कई विमानन कंपनियां महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ शुरुआत करने के बावजूद बंद हो गईं।
आईएटीए प्रमुख ने यह स्वीकार किया कि भारत ऐतिहासिक रूप से विमानन कंपनियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण बाजार रहा है।
उन्होंने कहा कि कई विमानन कंपनियों का विकास हुआ, फिर उन्हें वित्तीय रूप से संघर्ष करना पड़ा और वे गायब हो गईं।
वॉल्श ने कहा, ‘‘ जेट एयरवेज और किंगफिशर वैश्विक महत्वाकांक्षाओं वाली वैश्विक विमानन कंपनियों के दो स्पष्ट उदाहरण हैं जिन्होंने बड़े निवेश किए और बढ़ने की कोशिश की लेकिन वित्तीय रूप से व्यवहार्य होने के लिए संघर्ष किया और दुर्भाग्य से अस्तित्व से बाहर हो गईं।’’
उन्होंने कहा कि एयर इंडिया का निजीकरण एक बहुत ही सकारात्मक कदम है क्योंकि विमानन कंपनी के सरकारी स्वामित्व ने इसके वाणिज्यिक परिचालन को बिगाड़ दिया था।
टाटा समूह ने घाटे में चल रही एयर इंडिया का भारतीय सरकार से जनवरी 2022 में अधिग्रहण किया था।
भाषा निहारिका सिम्मी
सिम्मी