व्यापार समझौते पर मतभेदों को दूर करने में लगे हैं भारत, यूरोपीय संघः वाणिज्य सचिव

व्यापार समझौते पर मतभेदों को दूर करने में लगे हैं भारत, यूरोपीय संघः वाणिज्य सचिव

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  • Publish Date - December 15, 2025 / 10:25 PM IST,
    Updated On - December 15, 2025 / 10:25 PM IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत अब ‘सबसे मुश्किल’ दौर में प्रवेश कर चुकी है और दोनों पक्ष मतभेदों को पाटने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं।

अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यूरोपीय संघ की ‘कार्बन सीमा समायोजन प्रणाली’ (सीबीएएम) से जुड़े मुद्दे पर भी बातचीत चल रही है।

उन्होंने कहा, “हम इस समय व्यापार वार्ता के सबसे मुश्किल दौर में हैं। इस समय सबसे कठिन मुद्दों पर चर्चा हो रही है। हम जहां भी संतुलन की गुंजाइश देख रहे हैं, वहां समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। निश्चित रूप से सीबीएएम भी चर्चा में है।”

भारत और ईयू के बीच व्यापार वार्ता का 16वां दौर इसी महीने नयी दिल्ली में संपन्न हुआ। इस दौरान वस्तुओं, सेवाओं, निवेश, उत्पत्ति नियम और तकनीकी व्यापार बाधाओं जैसे प्रमुख अध्यायों पर चर्चा की गई।

अग्रवाल ने कहा कि दोनों पक्ष अपने मतभेदों को धीरे-धीरे कम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हम मतभेदों को सीमित कर रहे हैं और समझौते को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”

यह पूछे जाने पर कि समझौते को जल्द पूरा करने के लिए क्या कुछ अध्यायों को छोड़ने के बारे में सोचा जा रहा है, उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

व्यापार वार्ता पूरा करने के लिए दिसंबर की समयसीमा पर अग्रवाल ने कहा कि ये अंदरूनी समय-सीमाएं होती हैं, लेकिन उनके चूक जाने का मतलब यह नहीं है कि वार्ता रुक जाएगी।

दोनों पक्षों ने शेष मतभेदों को दूर कर संतुलित और परस्पर लाभकारी एफटीए को जल्द अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता दोहराई है।

भारत ने यूरोपीय संघ के कार्बन कटौती संबंधी नए नियम सीबीएएम और वनों की कटाई संबंधी विनियमन ईयूडीआर पर कड़ा विरोध जताया है। सीबीएएम के तहत भारत से ईयू को होने वाले इस्पात, एल्युमिनियम और सीमेंट निर्यात पर 20–35 प्रतिशत तक शुल्क का असर पड़ सकता है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण