कोविड19 की वैक्सीन पेटेंट मुक्त करने की भारत, दक्षिण अफ्रीका की मांग न मानने की बाइडेन से अपील

कोविड19 की वैक्सीन पेटेंट मुक्त करने की भारत, दक्षिण अफ्रीका की मांग न मानने की बाइडेन से अपील

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  • Publish Date - March 6, 2021 / 09:08 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

वाशिंगटन, छह मार्च (भाषा) अमेरिका में सत्तारूढ़ रिपब्लिकन दल के चार सदस्यों ने राष्ट्रपित जो बाइडेन से कोविड19 की वैक्सीन के व्यापार को पेटेंट की पाबंदी से मुक्त रखे जाने के विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव को स्वीकार न करने की अपील की है।

इन सांसदों को सोचना है कि कोविड के टीकों के व्यापार को डब्ल्यूटीओर की बौद्धिक संपदा आधिकार व्यवस्था (ट्रिप्स) की शर्तों से मुक्त करने पर कंपनियां नए टीकों और प्रतिरक्षण बढ़ाने वाली दवाओं के अनुसंधान पर खर्च करना बंद कर देंगी।

इन सांसदों में माइक ली, टॉम कॉटन, जोनी एमस्ट और टॉड यंग के नाम है।

इन लोगों ने बाइडन को एक साझा पत्र लिख कर डब्ल्यूटीओ इस विषय में आने वाले प्रस्तावों को निरस्त कराने की अपील की है। सीनेट के इन सदस्यों ने कहा है कि भारत, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देश कोविड19 संबंधी सभी नयी खोजों को पेटेंट व्यवस्था से मुक्त रखने का प्रस्ताव विश्व व्यापार संगठन में ला रहे हैं।

उन्होंने कहा है कि इस तरह का प्रस्ताव करने वालों का कहना है कि यदि हम अमेरिकी कंपनियों द्वारा विकसित बौद्धिक सम्पदा को नष्ट कर दें तो कोविड19 के टीकों के विनिर्माण के कारोबार में जल्द ही बहुत सी कंपनियां योगदान देने लगेंगी।

लेकिन इन संसादों का तर्क है कि ‘वास्तविकता इससे उलट है। हर उस अमेरिकी कंपनी के, जो कोविड की वैक्सीन और दवाइयों के विकास के काम में लगी है, बौद्धिक संपदा अधिकार को भंग करके हम‘आपरेशन वार्प स्पीड’‘अभियान के तह शुरू की गयी उस प्रक्रिया को ही खत्म कर देंगे जिससे चलते इतिहास में सबसे कम समय में जीवन रक्षक टीकों का विकास करना संभव हुआ है।’

उन्होंने पत्र में लिखा है कि कुछ देशों की सोच है कि अमेरिका की बौद्धिक संपदा छीन कर वे लाभ में रहेंगे,पर यह उनकी भूल है।

बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधी पहलुओं (ट्रिप्स) की डबल्यूटीओ व्यवस्था में सरकारों के लिए दवाओं , उनकी जांच और उत्पादन की प्रौद्योगिकी का विकास करने वाली इकाइओं को बाजार में लम्बे समय तक एकाधिकार देने के प्रावधान हैं।

इससे पहले अमेरका के सैकड़ों गैर सरकारी संगठनों और तीन प्रमुख सांसदों ने बाइडेन से कोविड की वैक्सीन पर पेटेंट की छूट के प्रस्ताव को नहीं रोकने की अपील की थी।

सांसद और प्रतिनिधि सभा में विनियोग समिति की सभापित डीलाउरो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कोविड19 महामारी के लिस किसी देश की सीमा का कोई मायने नहीं है।

उन्होंने कहा कि कोविड19की वैक्सीनका विकास और दूसरी दुनिया में उसे पहुंचाना बहुत जरूरी है। भारत और दक्षिण अफ्रीका में डबल्यूटीओ में ट्रिप्स की छूट का जो मुद्दा उठाया है उससे दुनिया को इस महामारी का मुकाबला करने में मदद मिलेगी क्यों कि इस तरह की छूट से विकासशील देशों में भी कोविड की जांच , उपचार और टीकाकरण सुलभ होगा।

भाषा मनोहर

मनोहर