भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से श्रम प्रधान क्षेत्रों के निर्यात को मिलेगी गति: फियो
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से श्रम प्रधान क्षेत्रों के निर्यात को मिलेगी गति: फियो
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो ने बुधवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते से कपड़ा, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण, औषधि, समुद्री और इंजीनियरिंग सामान जैसे क्षेत्रों को लाभ होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान इस समझौते पर 24 जुलाई को हस्ताक्षर किए जाएंगे। इससे 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने कहा कि इस समझौते से भारतीय परिधान और वस्त्रों पर शुल्क समाप्त होने की संभावना है, जिससे ब्रिटेन के बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी।
फियो के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा, ‘‘ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित प्रस्तावित एफटीए कई उद्योगों को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा। भारत के लिए, कपड़ा, परिधान, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण, फार्मास्युटिकल्स, समुद्री और इंजीनियरिंग वस्तुओं को काफी लाभ होने की उम्मीद है।’’
उन्होंने बयान में कहा कि इससे रत्न एवं आभूषण तथा औषधि जैसे उच्च मूल्य वाले क्षेत्रों में निर्यात भी मजबूत होगा।
फियो ने कहा कि कि बेहतर बाजार पहुंच और कम शुल्क से भारतीय चमड़ा और जूते, वाहन कलपुर्जे, मसाले, चाय और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को और लाभ होगा। साथ ही, इस मुक्त व्यापार समझौते से ब्रिटेन में भारतीय औषधि उत्पादों के लिए नियामकीय अनुमोदन भी सुचारू होने की उम्मीद है।
इसके अतिरिक्त, जिन क्षेत्रों को लाभ हो सकता है उनमें सौंदर्य प्रसाधन, एयरोस्पेस, चिकित्सा उपकरण, विद्युत मशीनरी, शीतल पेय, चॉकलेट और बिस्कुट शामिल हैं।
रल्हन ने कहा कि इस समझौते का भारत में रोजगार सृजन, विशेष रूप से कपड़ा, चमड़ा और आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और यह द्विपक्षीय निवेश प्रवाह को बढ़ावा दे सकता है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, यह समझौता आवाजाही को आसान बना सकता है और भारतीय आईटी, व्यापार सेवाओं और पेशेवर सेवा कंपनियों के लिए नए अवसर खुल सकते हैं।
भाषा रमण अजय
अजय

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