स्मार्टफोन पर रोजाना 6.9 घंटे बिताते हैं भारतीय, महामारी के दौरान बढ़ा इस्तेमाल : वीवो रिपोर्ट

स्मार्टफोन पर रोजाना 6.9 घंटे बिताते हैं भारतीय, महामारी के दौरान बढ़ा इस्तेमाल : वीवो रिपोर्ट

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  • Publish Date - December 13, 2020 / 12:54 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) भारतीय स्मार्टफोन पर प्रतिदिन औसतन सात घंटे बिताते हैं। कोरोना वायरस महमारी के दौरान स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ा है। एक अध्ययन में कहा गया है कि भारतीयों द्वारा स्मार्टफोन के इस्तेमाल में अनुमानत: 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

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महामारी के दौरान घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) और मनोरंजन आदि के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ा है। लोग अपनी जरूरत के हिसाब से इन गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।

हैंडसेट कंपनी वीवो की ओर से यह अध्ययन सीएमआर ने किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च, 2020 (कोविड से पहले) में भारतीयों द्वारा स्मार्टफोन का इस्तेमाल 11 प्रतिशत बढ़कर 5.5 घंटे प्रतिदिन पर पहुंच गया। यह 2019 में औसतन 4.9 घंटे था। वहीं अप्रैल (कोविड के बाद) यह 25 प्रतिशत और बढ़कर 6.9 घंटे प्रतिदिन पर पहुंच गया।

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‘स्मार्टफोन और मानव संबंधों पर उसका प्रभाव-2020’ रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद से भारतीय अपने स्मार्टफोन पर अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल 75 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि कॉलिंग के लिए इसमें 63 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं नेटफ्लिक्स, स्पॉटिफाई जैसी ओवर द टॉप (ओटीटी) सेवाओं के लिए स्मार्टफोन के उपयोग में 59 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

इसके अलावा सोशल मीडिया के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल 55 प्रतिशत बढ़ा है। गेमिंग के लिए इसमें 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

अध्ययन में एक और रोचक तथ्य सामने आया है। फोटो खींचने और सेल्फी लेने के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल प्रतिदिन 14 मिनट से बढ़कर 18 मिनट हो गया है।

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इस अध्ययन में शीर्ष आठ शहरों (चार महानगरों बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे) के 15 से 45 साल की आयु के करीब 2,000 लोगों की राय को शामिल किया गया है। इनमें से 70 प्रतिशत पुरुष और 30 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं।

वीवो इंडिया के निदेशक (ब्रांड रणनीति) निपुन मार्या ने कहा कि कंपनी ने इसी तरह का अध्ययन पिछले साल भी कराया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि स्मार्टफोन एक बेहतर माध्यम है, विशेषरूप से कोविड-19 जैसी स्थिति में। बिना स्मार्टफोन के हम ‘बेकार’ हो जाएंगे। लेकिन यदि हम स्मार्टफोन या किसी अन्य चीज का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं, तो इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसी वजह से हमने यह अध्ययन किया है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘स्मार्टफोन एक ‘एडिक्शन’ भी बन रहा है। 84 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सुबह उठने के बाद पहले 15 मिनट में अपना फोन देखते हैं। 46 प्रतिशत ने कहा कि वे दोस्तों के साथ एक घंटे की बैठक के दौरान कम से कम पांच बार अपना फोन उठाते हैं।

मार्या ने कहा कि महामारी के बाद स्थिति सामान्य होने पर स्मार्टफोन का इस्तेमाल मौजूदा स्तर से घटेगा, लेकिन कुछ ऐसे बदलाव हैं जो कायम रहेंगे।

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