इंडोनेशिया के फैसले से घरेलू स्तर पर तेल-तिलहन में मजबूती का रुख |

इंडोनेशिया के फैसले से घरेलू स्तर पर तेल-तिलहन में मजबूती का रुख

इंडोनेशिया के फैसले से घरेलू स्तर पर तेल-तिलहन में मजबूती का रुख

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : April 23, 2022/7:27 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) दुनिया के अग्रणी पाम ऑयल उत्पादक देश इंडोनेशिया के खाद्य तेल निर्यात पर पाबंदी लगाने की घोषणा से दिल्ली बाजार में शनिवार को सरसों तिलहन एवं मूंगफली दाने में तेजी देखी गई। इसके अलावा सोयाबीन तेल एवं पामोलीन के भाव में भी उछाल देखा गया।

तेल-तिलहन कारोबार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इंडोनेशिया की घोषणा से घरेलू स्तर पर प्रमुख खाद्य तेल एवं तिलहन में मजबूती का रुख देखा जा रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने कहा है कि घरेलू कमी को पूरा करने और आसमान छूती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए खाद्य तेल और उसके कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह पाबंदी अगले हफ्ते बृहस्पतिवार से प्रभावी होगी और अनिश्चित काल तक लागू रहेगी।

हालांकि शनिवार को विदेशी बाजारों में खाद्य तेल का कारोबार बंद रहा। लेकिन इस पाबंदी की चर्चा के जोर पकड़ने से शुक्रवार को विदेशी एक्सचेंज में 3.5 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई थी। इसकी वजह से घरेलू स्तर पर सभी खाद्य तेलों में मजबूती रही।

सरसों तिलहन में 100 रुपये प्रति क्विंटन की तेजी रही, मूंगफली तेल मिल डिलीवरी 50 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 15 रुपये प्रति टिन बढ़ गया।

सोयाबीन तेल मिल डिलीवरी 150 रुपये प्रति क्विंटल, सोयाबीन मिल डिलीवरी 200 रुपये और सोयाबीन तेल डीगम 150 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गया।

पामोलिन आरबीडी 300 रुपये प्रति क्विंटल और पामोलिन एक्स कांडला 400 रुपये प्रति क्विंटल तक चढ़ गया। बाकी सभी तेल-तिलहन पुराने भाव पर बने रहे।

सूत्रों के मुताबिक, सोयाबीन डीगम कांडला का भाव 1985-1990 डॉलर हो गया है जिससे इसका आयात महंगा पड़ रहा है। यह सोयाबीन डीगम का अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।

वहीं घरेलू मंडियों में सरसों की आवक घटकर पांच लाख बोरी रह गई है। तिलहन कारोबारियों के पास सरसों का पहले से स्टॉक नहीं है। रिफाइंड तेल बनाने के लिए मिलों की तरफ से सरसों की मांग तेज बनी हुई है क्योंकि यह सस्ता होने के साथ गुणवत्ता में भी अच्छा माना जाता है।

सूत्रों का कहना है कि घरेलू स्तर पर तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर ही विदेशी बाजारों के असर को कम किया जा सकता है। अगर इस दिशा में सरकार ने समुचित पहल की तो 1.5 लाख करोड़ रुपये तक विदेशी मुद्रा बचाई जा सकती है।

शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,665-7,715 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,985 – 7,120 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,050 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,665 – 2,855 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,420-2,495 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,455-2,570 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 17,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 16,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 15,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,950 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 16,700 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 15,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 7,700-7,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 7,400-7,500 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा

प्रेम

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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