ई.नाम 2.0 की शुरुआती दिक्कतें जनवरी के मध्य तक ठीक होने की संभावना: कृषि सचिव

ई.नाम 2.0 की शुरुआती दिक्कतें जनवरी के मध्य तक ठीक होने की संभावना: कृषि सचिव

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 05:59 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 05:59 PM IST

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम)) 2.0 – जिसे नवंबर में तमिलनाडु और राजस्थान में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया था – शुरुआती दिक्कतों का सामना कर रहा है। इसे जनवरी के मध्य तक ठीक किए जाने की संभावना है। कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने यह जानकारी दी।

चतुर्वेदी ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ियों को दूर करने के लिए नए पेशेवरों को शामिल किया जा रहा है।

चतुर्वेदी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमें शुरुआती दिक्कतें आ रही हैं। हम इसमें सुधार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि जनवरी के मध्य तक, हम इसे पूरी तरह से शुरू कर देंगे।’’

उन्होंने कहा कि एक बार जब जनवरी के मध्य तक दो राज्यों में प्रायोगिक परियोजना सफल हो जाएगा, तो इसे पूरे देश में शुरू किया जाएगा।

ई-नाम 2.0 को चार नवंबर, 2024 को तमिलनाडु और राजस्थान में प्रायोगिक परियोजना शुरू किया गया था। चुनिंदा मंडियों में पेश किया गया नया मॉड्यूल आंकड़ा संकलन और स्वचालित बोली और लॉजिस्टिक्स एकीकरण जैसी उन्नत सुविधाओं पर केंद्रित था।

चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘हमें ई-नाम जारी रखना है, और हम इसे रोक नहीं सकते। जब हम पूरे देश में जाएंगे तो हमें इसके संस्करण में सुधार करना होगा।’’

राजस्थान ने राज्य भर की 173 मंडियों में किए जा रहे प्रायोगिक परियोजना में आने वाली समस्याओं को उठाया है। नवंबर में केंद्र को भेजे गए पत्रों की एक श्रृंखला में, राज्य सरकार ने पुराने मंच से नए मंच पर आंकड़े स्थानांतरित करने में कठिनाइयों का हवाला दिया, जिससे मंडियों में ‘मैनुअल’ संचालन पर वापस लौटना पड़ा।

ई-नाम एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जो कृषि उत्पादों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए मौजूदा एपीएमसी मंडियों को नेटवर्क से जोड़ता है। यह किसानों, व्यापारियों और खरीदारों को बेहतर मूल्य निर्धारण और पारदर्शी नीलामी के साथ ऑनलाइन व्यापार करने में सक्षम बनाता है।

यह मंच 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1,000 से अधिक बाजारों को एकीकृत करता है, जो खाद्यान्न, बाजरा, सब्जियां और फल सहित 200 से अधिक उत्पादों का समर्थन करता है।

किसान मोबाइल ऐप या कमीशन एजेंट के माध्यम से व्यापार कर सकते हैं, जिसमें गुणवत्ता मूल्यांकन, एकल स्थान बाजार शुल्क और व्यापारियों के लिए अखिल भारतीय लाइसेंस जैसी सुविधाएं हैं।

ई-नाम 1.0 कृषि उत्पादों की ऑनलाइन नीलामी के लिए मौजूदा एपीएमसी मंडियों को नेटवर्क से जोड़ता है, जो राज्यों के भीतर ई-ट्रेडिंग के माध्यम से मूल्य निर्धारण पर केंद्रित है। ई-नाम 2.0 इसे एकीकृत लॉजिस्टिक्स के साथ एक ज़्यादा मापन योग्य मंच में उन्नत बनाता है, जिससे बिना किसी रुकावट के अंतरराज्यीय व्यापार और ‘फार्म-गेट’ बिक्री संभव होती है।

ई-नाम 2.0, तेज आवाजाही और खुले संजाल अनुपालन के ज़रिये बर्बादी को कम करके 1.0 की लॉजिस्टिक कमियों को दूर करता है, और मोबाइल फार्म-गेट मॉड्यूल जैसे समावेशी खूबियों के जरिये किसानों की आय को बढ़ाता है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय