नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (डीएफसीसीआईएल) को विश्व बैंक से लिए गए विदेशी मुद्रा ऋण के पुनर्वित्तपोषण के लिए 9,821 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है।
विश्व बैंक से यह ऋण मालगाड़ियों के लिए अलग से बनी पूर्वी गलियारा परियोजना के लिए लिया गया था। ऋण समझौते पर डीएफसीसीआईएल के निदेशक (वित्त) राहुल कपूर और भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) की कार्यकारी निदेशक (वित्त) दीपा कोटनीस ने औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए।
आईआरएफसी ने बयान में कहा, ‘‘ कुल 9,821 करोड़ रुपये के ऋण समझौते पर रेलवे बोर्ड, नयी दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सतीश कुमार, आईआरएफसी और डीएफसीसीआईएल के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।’’
आईआरएफसी के अनुसार, यह लेनदेन भारत के अवसंरचना वित्तपोषण परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह घरेलू वित्तपोषण समाधानों के माध्यम से बड़े पैमाने पर, दीर्घकालिक महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए भारतीय वित्तीय संस्थानों की बढ़ती गहराई, परिपक्वता और क्षमता को रेखांकित करता है।
अधिकारियों ने बताया कि इस पुनर्वित्तपोषण में विश्व बैंक के मौजूदा ऋण शामिल हैं और विदेशी मुद्रा ऋण से रुपये में वित्तपोषित होने से डीएफसीसीआईएल को विनिमय दर अस्थिरता के जोखिम में कमी सहित अन्य लाभ प्राप्त होंगे।
आईआरएफसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनोज कुमार दुबे ने कहा, ‘‘यह पुनर्वित्तपोषण भारत के अवसंरचना वित्तपोषण के सफर में एक ऐतिहासिक कदम है और रेलवे व्यवस्था में वित्तीय दक्षता लाने में आईआरएफसी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।’’
भाषा रमण अजय
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