नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) शनिवार को मांग कमजोर होने से ज्यादातर तेल-तिलहनों की कीमतों में गिरावट आई है। सस्ते आयातित तेल के आगे देशी तेल-तिलहन पिराई मिलों का हाल खराब हो गया है।
हालांकि, थोक भाव टूट गए हैं लेकिन खुदरा बाजार में उपभोक्ता को ज्यादा फायदा नहीं मिलता है।
हर साल समर्थन मूल्य बढ़ाने से तेल के दाम में कोई वृद्धि नहीं होती है जबकि तिलहनों के दाम बढ़ जाते हैं, जिससे किसानों को लागत नहीं मिलती है। सस्ते आयातित तेल के आगे देशी मिलों में बिक्री नहीं हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तिलहनों की खरीफ की बिजाई चल रही है। इसमें मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और कपास प्रमुख हैं। अगर सूरजमुखी पहले से भी कम भाव पर बिकेगा तो इसका एमएसपी बढ़ाने का कोई फायदा नहीं दिखता। तिलहनों का बाजार विकसित नहीं होगा तो इस क्षेत्र में सरकार की आत्मनिर्भरता लाने का सपना कैसे पूरा होगा।
शिकागो एक्सचेंज देर रात मामूली सुधार के साथ बंद हुआ था।
बाजार सूत्रों के अनुसार, सूरजमुखी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 25-30 प्रतिशत कम दाम पर बिक रहा है वहीं सोयाबीन पांच से सात प्रतिशत कम दाम पर बिक रहा है। इससे इनके एमएसपी को बढ़ाने का कोई फायदा नहीं दिख रहा है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 5,925-5,985 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,100-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,855-1,955 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,855-1,980 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,675 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,275 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,775 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,850 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,650-4,670 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,460-4,580 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय