एनबीसीसी ने कहा जेआईएल के अधिग्रहण की उसकी दावेदारी ठोस, सरकार द्वारा समर्थित

एनबीसीसी ने कहा जेआईएल के अधिग्रहण की उसकी दावेदारी ठोस, सरकार द्वारा समर्थित

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  • Publish Date - June 13, 2021 / 04:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही रीयल एस्टेट कंपनी जेपी इंफ्राटेक लिमिडेट के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल सरकारी कंपनी एनबीसीसी ने रविवार को घर खरीदारों को आश्वस्त किया कि उसकी दावेदारी ठोस है और सरकार द्वारा समर्थित है। कंपनी ने कहा है कि आवंटन की प्रतीक्षा में बैठे ग्राहकों के लिए वह निर्धारित समय में 20,000 लंबित फ्लैटों का निर्माण कार्य पूरा कर लेगी।

मतदान प्रक्रिया शुरू होने के एक दिन पहले दोनों दावेदारों एनबीसीसी और सुरक्षा ने रविवार को घर खरीदारों के साथ अलग-अलग वेबिनार किए और अपनी प्रस्ताव योजनाएं पेश करते हुए खरीदारों की आशंकाएं दूर करने की कोशिश की।

एनबीसीसी ने वेबिनार में विश्वास जताया कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येईडा) उसे यमुना एक्सप्रेस वे को एक अलग कंपनी में हस्तांतरित किए जाने की मंजूरी दे देगा और उस कंपनी की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी बैंकों को दे दी जाएगी।

कंपनी के सीएमडी पी के गुप्ता ने कहा कि एनबीसीसी ने विलंबित दंड के लिए 100 एकड़ जमीन का प्रावधन कर 2019 की अपनी दावेदारी में सुधार किया है।

उन्होंने कहा कि एनबीसीसी के नाकाम होने का कोई सवाल ही नहीं उठता और उसके पास सरकार का समर्थन है।

गुप्ता ने कहा, ‘हमारी योजना ठोस है और सबकुछ बहुत साफ है। हम कुछ भी छिपा नहीं सकते। हमने पिछली बार की तुलना में अपनी योजना में सुधार करने की कोशिश की है। हमें सरकार से समर्थन मिला है और हम सरकार के प्रति जिम्मेदार हैं।’

एनबीसीसी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (परियोजना) योगेश शर्मा ने कहा कि कंपनी ने जेआईएल के अधिग्रहण की दावेदारी ‘सरकार के पूर्ण समर्थन’ के साथ पेश की है। अगले ढाई वर्षों में 70 प्रतिशत लंबित फ्लैटों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या एनबीसीसी कमी पड़ने पर वित्त पोषण करेगी, उन्होंने कहा कि जेपी इंफ्रा एनबीसीसी की अनुषंगी बन जाएगी और इस बात को लेकर कोई सवाल ही नहीं उठता कि एनबीसीसी संसाधन लेकर नहीं आएगी।

भाषा प्रणव मनोहर

मनोहर