नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) सरकारी स्वामित्व वाली निर्माण कंपनी एनबीसीसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली समूह की पांच निर्माणाधीन परियोजनाओं में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से 13,500 अतिरिक्त फ्लैट बनाएगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इन परियोजनाओं में इस्तेमाल नहीं हुई जमीन पर निर्माण की अनुमति दी है। इसके बाद एनबीसीसी के लिए नए फ्लैट बनाने का रास्ता साफ हुआ है।
एनबीसीसी को आम्रपाली समूह की रुकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने का काम उच्चतम न्यायालय ने सौंपा हुआ है। एनबीसीसी को 38,000 फ्लैटों को पूरा करने और इसे खरीदारों के सुपुर्द करने के लिए कहा गया था।
आम्रपाली की अटकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ‘आम्रपाली स्थगित परियोजना निवेश पुनर्निर्माण प्रतिष्ठान’ (एस्पायर) इकाई का गठन किया गया था।
एनबीसीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के पी महादेवस्वामी ने कहा कि ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने आम्रपाली समूह की पांच आवासीय परियोजनाओं में करीब 75 एकड़ जमीन के विकास की अनुमति दे दी है। इस जमीन का अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ था।
महादेवस्वामी ने कहा, ‘‘हमारे अनुमानों के मुताबिक, इस जमीन पर हम करीब 80 आवासीय टावर बना सकेंगे जिनमें 13,500 फ्लैट मौजूद होंगे। इनके निर्माण पर करीब 10,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।’’
एनबीसीसी को नए बनने वाले फ्लैटों की बिक्री से 15,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इससे वह लंबित परियोजनाओं की निर्माण लागत को पूरा करने और बैंक ऋण चुकाने एवं स्थानीय विकास प्राधिकरणों को वैधानिक भुगतान करने में सक्षम हो जाएगी।
महादेवस्वामी ने कहा कि अभी तक आम्रपाली समूह की परियोजनाओं में लगभग 16,000 फ्लैट का निर्माण पूरा कर लिया गया है और 6,000 फ्लैट खरीदारों को सौंपे भी जा चुके हैं। इस साल दिसंबर तक 21,000 अन्य फ्लैट भी सौंप दिए जाएंगे।
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