नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने बुधवार को को कहा कि सरकार को एथनॉल मूल्य निर्धारण के लिए दीर्घकालिक नीति और फॉर्मूला लाना चाहिए। इससे चीनी मिलें लगभग 400 करोड़ लीटर क्षमता विस्तार करने को लेकर प्रोत्साहित होंगी। इस क्षमता विस्तार के लिये 17,500 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश की आवश्यकता पड़ेगी।
अगले महीने से शुरू होने वाले विपणन वर्ष 2023-24 के लिए चीनी की मांग-आपूर्ति परिदृश्य के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए, इस्मा के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने यह भी मांग की कि उत्पादन लागत में वृद्धि को देखते हुए चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य 38 रुपये प्रति किलो तक बढ़ाया जाना चाहिए जो मौजूदा समय में 31 रुपये प्रति किलो है।
उन्होंने कहा कि इस्मा प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ना क्षेत्र की उपग्रह चित्रों का विश्लेषण करने के बाद नवंबर के दौरान विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन का ताजा अनुमान जारी करेगा। उसके बाद ही आकलन कर पाएगा कि क्या चीनी और एथनॉल की घरेलू मांग को पूरा करने के बाद निर्यात के लिए कोई अधिशेष चीनी की मात्रा रहती है या नहीं।
झुनझुनवाला ने यहां कहा, ‘‘वर्तमान में, चीनी उद्योग के पास एथनॉल उत्पादन के लिए 700 करोड़ लीटर की स्थापित क्षमता है और हम 80 प्रतिशत क्षमता उपयोग पर काम करते हैं। हमें अपनी स्थापित क्षमता को 1,000-1,100 करोड़ लीटर तक बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए 17,500 करोड़ रुपये अनुमानित निवेश की आवश्यकता होगी।’’
उन्होंने कहा कि निवेश और उस पर अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए हमें दीर्घकालिक एथनॉल मूल्य निर्धारण नीति की आवश्यकता है।
झुनझुनवाला ने कहा कि सरकार को पेट्रोल में मिश्रण के लिए एथनॉल की कीमत तय करने के लिए कोई फॉर्मूला तैयार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गन्ने के शीरे से उत्पादित एथनॉल की कीमत अब लगभग 65 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 69.85 रुपये प्रति लीटर की जानी चाहिए क्योंकि सरकार ने गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) बढ़ा दिया है।
एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है जो मिलों को गन्ना खरीद के लिए किसानों को देना होता है।
इस्मा अध्यक्ष ने कहा कि चालू एथनॉल आपूर्ति वर्ष (दिसंबर-नवंबर) के लिए एथनॉल मिश्रण 12 प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले 11.76 प्रतिशत तक पहुंच गया है। सरकार का लक्ष्य 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करना है।
चालू एथनॉल आपूर्ति वर्ष में, चीनी मिलें तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को लगभग 450 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति करेंगी। अन्य 100 करोड़ लीटर की आपूर्ति शराब और अन्य उद्योगों को की जाएंगी।
झुनझुनवाला ने कहा कि चीनी उद्योग को मिश्रण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए कम से कम 800 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति करने की आवश्यकता है।
इस्मा अध्यक्ष ने चीनी की मांग-आपूर्ति के बारे में कहा कि इस महीने समाप्त होने वाले मौजूदा विपणन वर्ष 2022-23 में चीनी की कोई कमी नहीं है। अगले विपणन वर्ष में भी कोई कमी नहीं होगी।
भाषा राजेश राजेश रमण
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