शुद्ध वित्तीय बचत वित्त वर्ष 2024-25 में 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान: एसबीआई रिसर्च

शुद्ध वित्तीय बचत वित्त वर्ष 2024-25 में 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान: एसबीआई रिसर्च

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  • Publish Date - May 30, 2025 / 03:02 PM IST,
    Updated On - May 30, 2025 / 03:02 PM IST

कोलकाता, 30 मई (भाषा) वित्त वर्ष 2024-25 में शुद्ध घरेलू वित्तीय बचत 22 लाख करोड़ रुपये या सकल राष्ट्रीय खर्च योग्य आय (जीएनडीआई) का 6.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट में मौजूदा रुझानों के आधार पर यह कहा गया है।

वित्त वर्ष 2023-24 में शुद्ध वित्तीय बचत जीएनडीआई का 5.1 प्रतिशत रही थी जबकि 2022-23 में यह 4.9 प्रतिशत थी।

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया कि इस तरह की पूंजी सरकार और कंपनी घाटे को वित्तपोषित करने एवं व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

आरबीआई अधिशेष का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंक के प्रयास इसकी मात्रा निर्धारित करने में एक प्रमुख कारक थे।

वित्त वर्ष 2024-25 में आरबीआई का बही-खाता 8.19 प्रतिशत बढ़ा जो कि बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 9.9 प्रतिशत से कम है।

रिपोर्ट में कहा गया कि आरबीआई की 2.69 लाख करोड़ रुपये की अधिशेष राशि सरकार को हस्तांतरित कर दी गई है, जिससे राजकोषीय स्थिति में सुधार होगा।

इसमें कहा गया कि धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई है, लेकिन धोखाधड़ी की राशि तीन गुना होकर 36,014 करोड़ रुपये हो गई है।

दूसरी ओर, कार्ड एवं इंटरनेट के जरिये धोखाधड़ी के मामले 2023-24 के 29,802 से घटकर 2024-25 में 13,516 पर रहे।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ संक्षेप में कहें तो भारत की वित्तीय प्रणाली मजबूती और बदलाव के मुहाने पर खड़ी है।’’

भाषा निहारिका रमण

रमण