नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की एनएचएआई चालू वित्त वर्ष के दौरान 44,000 करोड़ रुपये की 937 किलोमीटर लंबी 15 सड़क परियोजनाओं के आवंटन पर विचार कर रही है। ये परियोजनाएं ‘बनाओ, चलाओ और सौंप दो’ (बीओटी) के आधार पर दी जाएगी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसी वर्ष राजमार्ग क्षेत्र में निवेश के लिए निजी कंपनियों को आकर्षित करने के मकसद से एक संशोधित बीओटी परियोजना दस्तावेज जारी किया था।
इन खंडों में असम में ब्रह्मपुत्र ब्रिज सहित गुवाहाटी रिंग रोड (परियोजना लागत 5,500 करोड़ रुपये), महाराष्ट्र में कासरवाड़ी-राजगुरुनगर (5,954 करोड़ रुपये), महाराष्ट्र में पुणे-शिरूर सड़क परियोजना (6,170 करोड़ रुपये) और तेलंगाना में अरमूर-मंचरियल सड़क परियोजना (3,175 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
बीओटी परियोजनाओं में निजी निवेशक 20-30 साल की रियायत अवधि के लिए राजमार्ग परियोजना का वित्तपोषण, निर्माण और संचालन करते हैं। कंपनियां फिर उपयोगकर्ता शुल्क या टोल के माध्यम से निवेश की भरपाई करता है।
इस वर्ष के प्रारंभ में बीओटी परियोजनाओं में कुछ परिवर्तन किए गए हैं। इनमें समय पर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संबंधित कंपनियों को निर्माण सहायता देना तथा प्रतिस्पर्धी सड़कों के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए टोल अवधि को बढ़ाना शामिल है।
भाषा अनुराग रमण
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