(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि परमाणु ऊर्जा सभी ऊर्जा चर्चाओं का हिस्सा होगी, क्योंकि इसका व्यावसायीकरण अभी तक नहीं हुआ है। मुख्य रूप से भारतीय संदर्भ में, हालांकि देश ने अमेरिका के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह संदर्भ में महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताह के अंत में अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं, जहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे और ऊर्जा सहित कई विषयों पर चर्चा करेंगे।
इससे पहले, भारत ऊर्जा सप्ताह-2025 पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पुरी ने सोमवार को कहा था, ‘‘ मुझे आश्चर्य होगा यदि अमेरिका से ऊर्जा प्राप्त करने का मुद्दा (प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच) चर्चा में शामिल न हो।’’
पुरी ने कहा कि राष्ट्रपति (ट्रंप) ने कहा है कि वह वैश्विक ऊर्जा कीमतों में कमी लाना चाहते हैं, इसलिए चाहते हैं कि बाजार में अधिक से अधिक ऊर्जा आए। भारत जैसे देशों के लिए यह एक सकारात्मक बात है।
आईईडब्ल्यू 2025 में मंत्रिस्तरीय चर्चा के दौरान पुरी ने कहा, ‘‘ परमाणु (ऊर्जा) एक कुशल लागत प्रभावी माध्यम प्रदान करती है, लेकिन आपको एक विशेष मार्ग अपनाना होगा और मुझे यकीन है कि जहां भी इस तरह की चर्चाएं होंगी, यह प्रमुख रूप से चर्चा का विषय होगा। मैं ऐसा होते हुए देख रहा हूं।’’
परमाणु ऊर्जा के वाणिज्यिक विस्तार के बारे में मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हमारे पास भारत-विशिष्ट आईएईए सुरक्षा समझौता था लेकिन किसी कारण से वाणिज्यिक अनुबंध कभी नहीं हो सका… लेकिन अब हम छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर के बारे में बात कर रहे हैं।’’
इस महीने की शुरुआत में अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20,000 करोड़ रुपये के परमाणु मिशन की घोषणा की थी जिसका लक्ष्य 2047 तक कम से कम 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा विकसित करना है।
भाषा निहारिका अजय
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