खरीफ सत्र में अब तक धान का रकबा 35 प्रतिशत कम, दलहन, मोटे अनाज का बढ़ा

खरीफ सत्र में अब तक धान का रकबा 35 प्रतिशत कम, दलहन, मोटे अनाज का बढ़ा

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  • Publish Date - June 23, 2023 / 10:01 PM IST,
    Updated On - June 23, 2023 / 10:01 PM IST

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति में कुछ शुरुआती देरी के बीच चालू खरीफ (ग्रीष्मकालीन बुवाई) सत्र में अब तक धान का रकबा लगभग 35 प्रतिशत घटकर 10.77 लाख हेक्टेयर रहा है।

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की समान अवधि में धान का रकबा 16.46 लाख हेक्टेयर था।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दलहन का रकबा अब तक बढ़कर 6.54 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 6.30 लाख हेक्टेयर था।

श्री अन्न यानी मोटे अनाज का रकबा अब तक बढ़कर 18.95 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 13.38 लाख हेक्टेयर था।

वहीं तिलहन खेती का रकबा 9.52 लाख हेक्टेयर से थोड़ा घटकर 9.21 लाख हेक्टेयर रह गया है।

कपास का रकबा भी पिछले साल के 32.67 लाख हेक्टेयर से घटकर अब तक 28.02 लाख हेक्टेयर रह गया है। इस वर्ष अब तक गन्ने का क्षेत्रफल 50.74 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 50.76 लाख हेक्टेयर पर लगभग स्थिर बना हुआ है।

शुक्रवार (23 जून) तक सभी प्रमुख खरीफ फसलों का कुल रकबा 129.53 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह रकबा 135.64 लाख हेक्टेयर था।

धान मुख्य खरीफ फसल है, जिसकी बुवाई आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है। देश के कुल चावल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत खरीफ सत्र से ही आता है।

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून की सामान्य तारीख के मुकाबले 8 जून को केरल में अपनी शुरुआत के साथ भारत पहुंचा।

मौसम विभाग (आईएमडी) ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो की स्थिति बनने बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण