PhonePe, Google Pay are used more, so always keep these things in mind.

PhonePe, Google Pay का ज्यादा करते हैं इस्तेमाल, तो इन बातों का हमेशा रखें ख्याल.. वरना पड़ेगा जेब पर भारी

PhonePe, Google Pay are used more, so always keep these things in mind.

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : December 18, 2021/7:55 pm IST

नई दिल्ली, टेक डेस्क। UPI Payment Safety Tips अगर आप यूपीआई बेस्ड ऐप फोनपे (PhonePe) और गूगल पे (Googel Pay) का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको सावधान रहना चाहिए। वरना आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में फ्रॉड की घटनाओं में इजाफा हुआ है। ऐसे में यूपीआई पेमेंट करते वक्त इन पांच बताों को ख्याल रखेंगे, तो आपका ऑनलाइन लेनदेन बिल्कुल सुरक्षित रहेगा।

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यूपीआई ऐप को अपडेट रखें

यूपीआई ऐप को समय-समय पर अपडेट करते रहना चाहिए। दरअसल अपग्रेड्स में सिक्योरिटी अपग्रेड्स शामिल होते हैं, जो आपके ऐप को इस्तेमाल के लिए सुरक्षित बनाते हैं।

यूपीआई ऐप्स जैसे PhonePe और Google Pay यूजर्स को हमेशा मजबूत स्क्रीन लॉक और पेमेंट पिन सेट रखना चाहिए। साथ ही समय-समय पर इसमें बदल देना चाहिए। जिससे कोई दूसरा आपके स्क्रीन पासवर्ड को क्रैक ना कर पाए। यूपीआई बेस्ड लेनदेन करने के लिए यूपीआई एड्रेस, फोन नंबर, क्यूआर (QR) कोड और वर्चुअल पेमेंट एड्रेस को शेयर करना चाहिए। इसके अलावा upi बेस्ड पेमेंट से जुड़ी किसी भी जानकारी को नहीं साझा करना चाहिए

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रजिस्टर्ड नाम को करें वेरिफाई

लेनदेन से पहले सत्यापन जरूरी है। हमेशा सुनिश्चित करें, कि जब यूपीआई ऐप से क्यूआर (QR) कोड को स्कैन या फिर मैन्यूअली नंबर या वीपीए (VPA) को वेरिफाई करते हैं, तो रिसीवर का रजिस्टर्ड नाम आपकी स्क्रीन पर दिखाई देना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि यूपीआई से गलत व्यक्ति को भेजा गया पैसा वापस नहीं होता है।

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यूपीआई आईडी को दे महत्व

रिमोटली पैसा ट्रांसफर करने से बेहतर है कि upi आईडी या फिर क्यूआर (QR) कोड से लेनदेन किया जाए। प्रदान करने के लिए कहना चाहिए। क्योंकि फोन नंबर से पैसा भेजने पर गलती की संभावना ज्यादा रहती है। साथ ही फंड ट्रांसफर करने से पहले बेनेफिशियरी के साथ किए गए लेनदेन को वैरिफाई कर सकें।

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डिजिटल लेनदेन के लिए एक uip ऐप पर्याप्त है। अब किसी भी upi बेस्ड पेमेंट प्लेटफॉर्म से किसी भी दूसरे ऐप के upi पर ट्रांसफर किया जा सकता है। यूपीआई की ओर से इंटरोऑपरेबिलिटी उपलब्ध कराई जाती है। इसलिए भिन्न-भिन्न प्लेटफॉर्म्स, बैंक या ऐप्स में पेमेंट में कोई रूकावट नहीं होती है।

 

 
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