DMF कोष का किया जाएगा प्रभावी उपयोग, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में संशोधन का प्रस्ताव

सरकार ने 2015 में जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) द्वारा अर्जित धन का उपयोग करके खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों और लोगों की भलाई के लिए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) योजना शुरू की थी।

DMF कोष का किया जाएगा प्रभावी उपयोग, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में संशोधन का प्रस्ताव
Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 pm IST
Published Date: August 16, 2022 4:56 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अगस्त।  सरकार प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में संशोधन करने की योजना बना रही है। इस कदम का मकसद खनन से प्रभावित लोगों की भलाई के लिए जिला खनिज फाउंडेशन के तहत धन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है। सरकार ने नीतिगत दिशानिर्देशों में संशोधन पर विभिन्न पक्षों से 27 अगस्त तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।

सरकार ने 2015 में जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) द्वारा अर्जित धन का उपयोग करके खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों और लोगों की भलाई के लिए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) योजना शुरू की थी।

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एक सरकारी नोटिस के अनुसार खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित जिलों में डीएमएफ फंड के प्रभावी उपयोग के लिए पीएमकेकेकेवाई दिशानिर्देशों की समीक्षा / संशोधन करने के लिए केंद्र ने खान मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संजय लोहिया की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है।

समिति को नीति में कमियों का पता लगाने, योजना की निगरानी और कार्यान्वयन तथा पीएमकेकेकेवाई दिशानिर्देशों में बदलाव के लिए सुझाव देने का भी काम सौंपा गया है।

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खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की एक धारा खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित किसी भी जिले में जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) की स्थापना का प्रावधान करती है। डीएमएफ खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के हित के लिए काम करते हैं।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com