सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा नौ साल में तीन गुना बढ़कर 1.04 लाख करोड़ हुआ : सीतारमण

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा नौ साल में तीन गुना बढ़कर 1.04 लाख करोड़ हुआ : सीतारमण

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  • Publish Date - July 1, 2023 / 04:04 PM IST,
    Updated On - July 1, 2023 / 04:04 PM IST

नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार की नीतियों के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का मुनाफा 2022-23 में बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2014 के 36,270 करोड़ रुपये की तुलना में तीन गुना है।

उन्होंने ‘अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए इसी गति के जारी रहने की जरूरत’ पर प्रकाश डाला है।

उन्होंने यहां पंजाब एंड सिंध बैंक के कॉरपोरेट कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि बैंकों को सर्वोत्तम कॉर्पोरेट प्रशासन सिद्धांतों का पालन करके ‘उपलब्धियों को आगे बढ़ाने’ की जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “बैंकों को आराम से बैठकर सफलता पर जश्न नहीं मनाना चाहिए। उन्हें सर्वोत्तम कॉर्पोरेट प्रशासन नियमों का, नियामक मानदंडों का पालन करना चाहिए, विवेकपूर्ण तरलता प्रबंधन सुनिश्चित करना चाहिए और मजबूत परिसंपत्ति-देयता और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देना जारी रखना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में बैंकों और कॉरपोरेट की ‘ट्विन-बैलेंस शीट’ की समस्या दूर हो गई है। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि मोदी सरकार के ठोस प्रयासों के कारण अब ‘ट्विन-बैलेंस शीट’ का लाभ मिल रहा है।

‘ट्विन-बैलेंस शीट’ की समस्या का अर्थ है कि एक ही समय में बैंकों और कॉरपोरेट की वित्तीय सेहत में गिरावट होगी। इस स्थिति में कर्ज लेने वाले और देने वाले, दोनों ही तनाव में रहते हैं। दूसरी ओर अगर कर्ज लेने वाले इसे चुकाने की स्थिति में हैं, तो यह ‘ट्विन-बैलेंस शीट’ से लाभ मिलने की स्थिति है।

सीतारमण ने कहा, “मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि सरकार की विभिन्न पहलों के चलते ट्विन-बैलेंस शीट की समस्या दूर हो गई हैं। अब रिजर्व बैंक का मानना है कि ट्विन-बैलेंस शीट से भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा मिल रहा है।”

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से मोदी सरकार की विभिन्न पहलों के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि संपत्ति पर प्रतिफल, शुद्ध ब्याज मार्जिन और प्रावधान कवरेज अनुपात जैसे सभी महत्वपूर्ण मापदंडों में सुधार हुआ है।

भाषा अनुराग पवनेश

पवनेश

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