Interest Rate Cut: ब्याज दर में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है आरबीआई, 6 जून को होगा ऐलान

interest rate cut: ब्याज दर में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है आरबीआई: विशेषज्ञ

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Modified Date: June 1, 2025 / 06:45 PM IST
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Published Date: June 1, 2025 5:15 pm IST
HIGHLIGHTS
  • एमपीसी छह जून को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की करेगी कटौती
  • अमेरिका के आयात शुल्क बढ़ाने से उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितता के बीच वृद्धि को बढ़ावा
  • आरबीआई ने फरवरी और अप्रैल में प्रमुख ब्याज दर (रेपो) में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की

मुंबई: Interest Rate Cut: , मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत के औसत लक्ष्य से नीचे बने रहने के कारण, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दर में शुक्रवार को लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। इससे अमेरिका के आयात शुल्क बढ़ाने से उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितता के बीच वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। रिजर्व बैंक की दर-निर्धारण समिति मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) चार जून को अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति पर विचार-विमर्श शुरू करेगी और छह जून (शुक्रवार) को निर्णय की घोषणा करेगी।

आरबीआई ने फरवरी और अप्रैल में प्रमुख ब्याज दर (रेपो) में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की, जिससे यह छह प्रतिशत पर आ गई। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी ने भी अपनी अप्रैल की नीति में रुख को ‘तटस्थ’ से बदलकर ‘उदार’ करने का फैसला किया। फरवरी, 2025 से नीतिगत रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती के जवाब में, अधिकांश बैंकों ने अपनी रेपो से संबद्ध बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दरों (ईबीएलआर) और कोष-आधारित उधार दर की सीमांत लागत (एमसीएलआर) को कम कर दिया है।

बैंक ऑफ बड़ोदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, “हमारा मानना ​​है कि मुद्रास्फीति की अपेक्षाकृत सौम्य स्थितियों और आरबीआई के विभिन्न उपायों के माध्यम से तरलता की स्थिति को बहुत सहज बनाए जाने के कारण, एमपीसी छह जून को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगी। वृद्धि और मुद्रास्फीति, दोनों पर टिप्पणी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि दोनों मापदंडों के लिए उनके पूर्वानुमानों में संशोधन की उम्मीद है।”

उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि आरबीआई इस बारे में विस्तृत विश्लेषण करेगा कि वैश्विक माहौल भारतीय अर्थव्यवस्था को किस तरह प्रभावित करेगा, यह देखते हुए कि अमेरिका द्वारा दी गई शुल्क राहत जुलाई में समाप्त हो जाएगी।

रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के बड़े हिस्से के लिए सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत तक रहने के अनुमान के साथ, एमपीसी द्वारा मौद्रिक ढील जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, “अगले सप्ताह 0.25 प्रतिशत की दर में कटौती की उम्मीद है, इसके बाद दो नीति समीक्षाओं में दो और कटौती की जाएगी, जिससे चक्र के अंत तक रेपो दर 5.25 प्रतिशत हो जाएगी।” बृहस्पतिवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा कि मौद्रिक नीति टिकाऊ मूल्य स्थिरता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो निरंतर आधार पर उच्च वृद्धि के लिए एक आवश्यक शर्त है।

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क्या भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) फिर से ब्याज दर में कटौती करेगा?

हाँ, ऐसी संभावना है कि RBI 6 जून (शुक्रवार) को होने वाली मौद्रिक नीति बैठक में रेपो दर में 0.25% की तीसरी कटौती कर सकता है। इसका कारण है कि मुद्रास्फीति लक्ष्य (4%) से नीचे बनी हुई है और वृद्धि को समर्थन देना जरूरी है।

पिछली बार RBI ने रेपो दर में कितनी कटौती की थी?

RBI ने फरवरी और अप्रैल 2025 में दो बार रेपो दर में 0.25% की कटौती की थी, जिससे यह दर 6% पर आ गई है।

रेपो दर में कटौती का आम लोगों पर क्या असर होगा?

रेपो दर में कटौती से बैंक अपनी उधारी दरें (जैसे EBLR, MCLR) घटा सकते हैं, जिससे लोन सस्ते हो सकते हैं — जैसे होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं।

क्या भविष्य में और भी ब्याज दर कटौती हो सकती है?

हाँ, ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के अनुसार, दो और कटौतियाँ हो सकती हैं जिससे रेपो दर अंततः 5.25% तक आ सकती है, बशर्ते मुद्रास्फीति नियंत्रण में बनी रहे।