मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि फिलहाल कर्ज भुगतान के लिये मोहलत देने की जरूरत नहीं है। कंपनियां स्थिति से निपटने के लिये बेहतर रूप से तैयार हैं। देश भर में कोरोना वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या और उसकी रोकथाम के लिये स्थानीय स्तर पर लगाये जा रहे ‘लॉकडाउन’ के बीच उन्होंने यह बात कही।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने पिछले साल कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देश भर में लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से आर्थिक गतिविधियों पर पड़े प्रभाव को देखते हुए कर्जदारों को राहत देने के लिये ऋण लौटाने को लेकर छह महीने की मोहलत दी थी।
कोरोना वायरस मामलों में फिर से तेजी को देखते हुए पूरे महाराष्ट्र में गैर-जरूरी सेवाओं पर पाबंदी लगायी गयी है। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई भागों में रात में ‘लॉकडाउन’ लगाया जा रहा है।
नये वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दास ने कहा, ‘‘आज की स्थिति मे कर्ज लौटाने को लेकर मोहलत देने की जरूरत नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि कंपनियां खासकर निजी क्षेत्र स्थिति से निपटने और कामकाज जारी रखने के लिये बेहतर तरीके से तैयार है।
हालांकि दास ने यह भी कि वह यह संकेत नहीं दे सकते कि आरबीआई भविष्य में क्या कदम उठा सकता है।
उन्होंने कर्ज लौटाने के लिये दी गयी मोहलत उपाय को ‘परंपरागत’ कदम बताया। दास ने कहा कि आरबीआई ने महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था की मदद के लिये पिछले साल कई नवोन्मेषी कदम उठाये। सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम (जीएसएपी) के तहत बांड खरीद कार्यक्रम की पूर्व में घोषणा उन्हीं उपायों में से एक है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘हम नियमित रूप से संपत्ति की गुणवत्ता आंकड़े पर नजर रखते हैं। किसी भी स्थिति में केंद्रीय बैंक को बिना सोचे-विचारे कदम नहीं उठाने चाहिए। और हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे। हम स्थिति पर नजर रखेंगे और कोई भी निर्णय लेने से पहले उसकी गहराई और गंभीरता को देखेंगे।’’
भाषा रमण मनोहर
मनोहर
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