मुंबई, 15 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ब्याज दरों में अभी और कटौती की गुंजाइश बताते हुए संकेत दिया कि वांछित प्रभाव के लिए इसे उचित समय पर किया जाएगा।
आरबीआई ने एक अक्टूबर को संपन्न हुई एमपीसी बैठक का ब्योरा बुधवार को जारी किया। इस बैठक में गवर्नर ने एमपीसी के पांच अन्य सदस्यों के साथ मिलकर रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया था।
इस बैठक में मल्होत्रा ने कहा था कि पूर्वानुमानों में संशोधन के परिणामस्वरूप सकल और प्रमुख मुद्रास्फीति के लिए अनुकूल दृष्टिकोण वृद्धि को और समर्थन देने के लिए नीतिगत गुंजाइश खोलता है।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हालांकि, नीतिगत दर में अभी और कटौती की गुंजाइश है, लेकिन मुझे लगता है कि यह इसके लिए उपयुक्त समय नहीं है, क्योंकि इसका वांछित प्रभाव नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान करता हूं। बहरहाल, नीति का उद्देश्य वृद्धि को बढ़ावा देने वाली परिस्थितियों को सुगम बनाना जारी रखना है।’’
इस बैठक में एमपीसी सदस्य और आरबीआई की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने कहा कि वृद्धि एवं मुद्रास्फीति के मेल ने नीतिगत दरों को और कम करने की गुंजाइश पैदा की है।
मौद्रिक नीति तय करने वाली एमपीसी की अगली बैठक तीन से पांच दिसंबर, 2025 के बीच प्रस्तावित है।
रिजर्व बैंक ने फरवरी से लेकर जून के बीच हुई तीन एमपीसी बैठकों में रेपो दर में कुल मिलाकर एक प्रतिशत की कटौती की थी। हालांकि, उसके बाद अगस्त और अक्टूबर में हुई बैठकों में इसे 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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