टाटा-मिस्त्री विवाद: कर न्यायाधिकरण ने मिस्त्री पर नकारात्मक टिप्पणी हटाई

टाटा-मिस्त्री विवाद: कर न्यायाधिकरण ने मिस्त्री पर नकारात्मक टिप्पणी हटाई

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  • Publish Date - December 31, 2020 / 11:23 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

मुंबई, 31 दिसंबर (भाषा) एक अप्रत्याशित कदम के तहत आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) की मुंबई पीठ ने अपने हालिया आदेश में साइरस मिस्त्री पर की गई आलोचनात्मक टिप्पणी को वापस ले लिया है।

इस आदेश में तीन प्रमुख टाटा ट्रस्टों (न्यास) के कर छूट के दर्जे को बहाल किया गया था।

न्यायाधिकरण ने बुधवार को 28 दिसंबर के आदेश के संबंध में जारी एक शुद्धिपत्र में कहा कि उसमें टाइपिंग की गलती थी। इस कदम को टाटा समूह के पिछले चेयरमैन के लिए एक बड़ी नैतिक जीत माना जा रहा है, जिन्हें 24 अक्टूबर, 2016 को पद से हटा दिया गया था।

न्यायाधिकरण के अध्यक्ष पी पी भट्ट और उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार द्वारा जारी किए गए शुद्धपत्र में स्पष्ट किया गया कि पिछले आदेश में ‘‘टाइपिंग की गलतियों के चलते मिस्त्री के लिए कुछ अवांछित संदर्भ थे।’’

इसके अलावा शुद्ध पत्र में कहा गया कि मिस्त्री के बारे में एक तथ्य अनजाने में छूट गया था कि उनके द्वारा प्रस्तुत जानकारी आकलन अधिकारी के नोटिस के जवाब में दी गई थी।

शुद्धिपत्र में आगे कहा गया, ‘‘उपरोक्त सुधारों का अपील के परिणाम पर कोई असर नहीं होगा और अपील का परिणाम यथावत रहेगा।’’

मिस्त्री के परिवार ने शुद्धिपत्र के कदम का स्वागत किया है और इसे न्याय तथा सत्य की जीत बताया।

मिस्त्री परिवार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमें पता चला है कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने मिस्त्री के खिलाफ लगाए गए भीषण व्यक्तिगत आरोपों को संशोधित करने के लिए 28 दिसंबर के आदेश में के बारे में एक शुद्धपत्र जारी किया है। ये आरोप ऐसी सुनवाई के दौरान लगाए गए, जिसमें मिस्त्री पक्षकार भी नहीं थे।’’

भाषा पाण्डेय अजय

अजय