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नई दिल्लीः Crorepati Scheme: कोरोना काल के बाद बचत की ओर आम लोगों का रूझान बढ़ा है। अलग-अलग जगहों पर लोग खाता खोलकर पैसों की सेविंग कर रहे हैं, ताकि आने वाले समय में किसी प्रकार की कोई आर्थिक परेशानी ना हो। ऐसे लोगों से आपने फाइनेंस इंफ्लुएंसर और एक्सपर्ट्स से म्यूचुअल फंड में एसआईपी यानी Systematic Investment Plan के बारे में जरूर सुना होगा। इसे लंबी अवधि में जादुई रिटर्न पाने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। खासकर, रिटायरमेंट के बाद आपको एकमुश्त बड़ी रकम मिल जाती है, जिससे आपकी आगे की जिंदगी काफी आसान हो जाती है। आज हम आपको ऐसी योजना बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप करोड़ों रुपये (Crorepati Scheme) जमा कर पाएंगे। साथ ही हर महीने इनकम (Monthly Income) के तौर पर पैसे भी निकाल सकते हैं।
Crorepati Scheme: यह योजना म्यूचुअल फंड के तहत सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) है। यह एक ऐसा प्लान है, जिसके तहत आप एकमुश्त पैसा जमा करके हर महीने रेगुलर इनकम जीवनभर तक ले सकते हैं और सबसे बड़ी बात तो यह है कि आपके पैसे भी कम नहीं होंगे, बल्कि उसपर रिटर्न मिलने से वह बढ़ता ही जाएगा। Systematic Withdrawal Plan (SWP), SIP से भी ज्यादा पावरफुल माना जाता है। सोचिए अगर आपका कॉर्पस सिर्फ 50 लाख रुपये का है और आप हर महीने अगले 25 साल तक 20,000 रुपये भी निकलते हैं तो भी आपके पास करीब 3 करोड़ रुपये का मोटा कॉर्पस बचेगा। ऐसा आप एसआईपी में शायद नहीं कर पाएं। इसलिए SIP से ज्यादा SWP पावरफुल माना जाता है।
SWP किसी भी म्यूचुअल फंड में डिविडेंड लेने की अपेक्षा एक बेहतर विकल्प है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि म्यूचुअल फंड की ओर से मिलने वाले डिविडेंड की कोई गारंटी होती है और यह समय- समय पर बदलता रहता है और बाजार के मूव पर काफी हद तक निर्भर करता है। वहीं, एसडब्लूपी में राशि पहले ही फिक्स हो जाती है और अगर आपके म्यूचुअल फंड में पर्याप्त है तो लंबे समय तक आप एसडब्लूपी के जरिए पैसे निकाल सकते हैं। इससे वित्तीय स्थिरता भी आती है।
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एसडब्लूपी टैक्स बचत करने का अच्छा तरीका था, क्योंकि इसमें आपको एक साथ टैक्स नहीं भरना पड़ता है, जितनी राशि पर आप निकालते हैं। उसी पर आपको टैक्स भरना पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर आपके म्यूचुअल फंड को यूनिट्स को साल से अधिक समय हो चुका और एसडब्लूपी के तहत वो यूनिट्स निकालते हैं तो आपको एक लाख से अधिक का कैपिटनल गेन होने पर 10 प्रतिशत का टैक्स भरना पड़ेगा। एक लाख तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स छूट के दायरे में आता है।
नोट- यहां दी गई जानकारी अलग-अलग रिपोर्टों के आधार पर तैयार की गई है। किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें।