टीवीएस ने इलेक्ट्रिक तिपहिया पोर्टफोलियो का विस्तार किया; ढुलाई खंड के लिए मॉडल उतारा

टीवीएस ने इलेक्ट्रिक तिपहिया पोर्टफोलियो का विस्तार किया; ढुलाई खंड के लिए मॉडल उतारा

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  • Publish Date - August 21, 2025 / 05:55 PM IST,
    Updated On - August 21, 2025 / 05:55 PM IST

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) टीवीएस मोटर कंपनी ने बृहस्पतिवार को ढुलाई खंड के लिए एक तिपहिया वाहन पेश करते हुए अपने इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों की श्रृंखला का विस्तार किया।

कंपनी ने इस साल की शुरुआत में यात्री खंड के लिए किंग ईवी मैक्स को उतारने के साथ इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन खंड में कदम रखा था।

टीवीएस किंग कार्गो एचडी को एक बार चार्ज करने पर 156 किलोमीटर चलाया जा सकता है। इसकी शोरूम कीमत 3.85 लाख रुपये है।

टीवीएस मोटर कंपनी के वाणिज्यिक कारोबार प्रमुख रजत गुप्ता ने कहा कि इस मॉडल को इस साल के अंत में सीएनजी ट्रिम में भी पेश किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक मॉडल को ज़बर्दस्त स्वीकार्यता मिल रही है और वर्ष 2030 कुल तिपहिया वाहन बाज़ार में इस खंड की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत होने की संभावना है।

गुप्ता ने बताया कि पिछले साल लगभग 20,000 इलेक्ट्रिक वाहन बिके, जो कुल 60,000 तिपहिया वाहन बाज़ार का लगभग 31 प्रतिशत हिस्सा है।

गुप्ता ने कहा, ‘‘जहां तक मालवाहक खंड (कार्गो सेगमेंट) की बात है, हर महीने लगभग 10,000 इलेक्ट्रिक वाहन बिक रहे हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत डीजल और 25-25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहनों की हिस्सेदारी है।’’

उन्होंने बताया कि तिपहिया वाहन खंड में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है।

गुप्ता ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि 2030 तक बाज़ार का 60 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहन का होगा। सभी ईंधन एक साथ मौजूद रहेंगे, लेकिन मुख्य रूप से 50-60 प्रतिशत बाज़ार इलेक्ट्रिक वाहन ही होगा।’’

टीवीएस किंग कार्गो एचडी के बारे में, उन्होंने बताया कि कंपनी सबसे पहले दिल्ली-एनसीआर में प्रवेश कर रही है। उसके बाद बेंगलुरु, गुजरात और महाराष्ट्र में इसकी बिक्री शुरू की जाएगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या इस उत्पाद का निर्यात भी किया जाएगा, गुप्ता ने कहा कि ढुलाई तिपहिया वाहनों का विदेशी बाजार अब भी छोटा ही है जो लगभग 4,000 इकाई प्रति वर्ष का है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि यह बहुत छोटा है, लेकिन इसे अपनाया जाएगा। इसलिए हम पहले से ही कुछ देशों में प्रयास कर रहे हैं।’’

भाषा राजेश राजेश अजय

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